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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग, फार्मेसी व मैनेजमेंट संस्थानों के यूजी-पीजी कोर्स में दाखिले के लिए एक माह से अधिक समय से चली प्रक्रिया में महज 15 हजार फॉर्म मिले हैं। जबकि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से संबद्ध संस्थानों व कॉलेजों में ही लगभग 32 हजार सीटें हैं।
प्रवेश परीक्षा में मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमएमटीयू) गोरखपुर व हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) कानपुर भी शामिल है। ऐसे में कुल सीटों की संख्या और भी ज्यादा हो जाएंगी।
गौरतलब है कि पिछले साल तक प्रदेश के संस्थानों में दाखिले के लिए एकेटीयू परीक्षा का आयोजन करता था। जबकि एमएमटीयू व एचबीटीयू अपने स्तर से प्रवेश लेते थे। मगर शैक्षिक सत्र 2021-22 से बीटेक कोर्स में दाखिला जेईई मेन के माध्यम से लिया जाएगा।
वहीं बीफॉर्मा, बीवोक, बीएफएडी, बीएफए, बीडेस, एमबीए, एमसीए, एमटेक, एमएससी आदि कोर्स के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश कंबाइंड इंट्रेंस टेस्ट (यूपीसीईटी) कराने का निर्णय लिया गया है।
एक माह से अधिक चली आवेदन प्रक्रिया
अप्रैल में एनटीए ने आवेदन प्रक्रिया शुरू किया। एक माह से अधिक चली आवेदन प्रक्रिया के बाद यूजी कोर्स में दाखिले के लिए 10,500 और पीजी कोर्स के लिए 4,450 आवेदन मिले हैं। जबकि पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक कुल 31,852 सीटे हैं।
नए शैक्षिक सत्र में इसकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, एमएमटीयू में 750 सीटें हैं। अगर अब तक आवेदन करने वाले सभी विद्यार्थी दाखिला ले लें तब भी 50 फीसदी से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी। हालांकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आवेदन की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी गई है। अब देखना ये होगा कि अगले 20 दिनों में कितने आवेदन और मिलते हैं।
उधर, सूत्रों का कहना है कि यूपीसीईटी में कम आवेदन आने की वजह विद्यार्थियों में इस परीक्षा को लेकर जागरूकता का अभाव है। वहीं, एकेटीयू के प्रवेश समन्वयक प्रो. सुबोध वैरिया कहते हैं कि आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने से थोड़ा सुधार है। उम्मीद है कि आवेदन की संख्या बढ़ेगी।