श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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2 मई- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

जनकसुता जग जननि जानकी ।
अतिसय प्रिय करुनानिधान की ।
ताके जुग पद कमल मनावउँ ।
जासु कृपा निरमल मति पावउँ ।
( बालकांड 17/4)
राम राम 🙏🙏
मानस जी के आरंभ में सबकी वंदना करने के बाद तुलसी बाबा जानकी जी की वंदना करते हैं , जो जनक जी की पुत्री हैं , जगत जननि हैं , राम प्रिया हैं । उनके दोनों चरण कमलों को पूजता हूँ जिनकी कृपा से निरमल बुद्धि प्राप्त होती है ।
जानकी चरण वंदन से निरमल बुद्धि मिलती है और मन निर्मल हो जाता है , फिर निर्मल मन वाला राम जी को पा जाता है , राम जी को पाकर जीव सुखी हो जाता है । अतएव! सीताराम जय सीताराम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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