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7 मई – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
जो आपन चाहै कल्याना ।
सुजसु सुमति सुभ गति सुख नाना
सो परनारि लिलार गोसाईं ।
तजउ चउथि के चंद की नाईं ।।
( सुंदरकांड 37/3)
राम राम 🙏🙏
रावण को अपने दरबार से यह समाचार मिलता है कि राम जी की सेना सागर पार आ गई है । इसी समय विभीषण जी का दरबार में आगमन होता है और वे रावण से कहते हैं कि यदि आप अपना कल्याण, यश व शुभ गति चाहते हैं तो पराई स्री का त्याग कर दें ।
जीवन में उसी की शुभ गति होती है जो दूसरे का कुछ भी लेने में विश्वास नहीं करता है । लेना ही है तो राम ग्रहण करें , रघुनाथ ग्रहण करें, अवश्य कल्याण होगा । अथ ! जय जय राम , जय जय रघुनाथ 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ