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खजनी थाने के ठीक पीछे सप्ताह में दो बार प्रत्येक बुद्धवार और रविवार को लगने वाले सब्जी के बाजार में मुर्गे,मीट और मछली के व्यापारियों ने अपना कब्जा जमा लिया है।
आलम यह है कि सब्जियां बेचने वाले छोटे व्यापारी अपनी हरी सब्जियों को ठेलों पर लादकर गांव कस्बे में घूम कर बेच रहे हैं। जबकि मीट,मुर्गे,मछली,अंडे आदि के दुकानदारों की चांदी हो गई है और वो सब्जियों के साप्ताहिक बाजार में अपनी दुकानें लगा रहे हैं।
शनिवार और रविवार को साप्ताहिक लाॅकडाउन की पाबंदियों का कोई असर इन दुकानदारों और ग्राहकों पर नजर नहीं आता। झूंड में भीड़ लगाकर मांसाहार की दुकानें चलाने वाले दुकानदार और उनके ग्राहक शाकाहारियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
सब्जी खरीदने वाले शाकाहारी ग्राहकों का कहना है कि मीट, मुर्गे और मछली बेंच कर लोग बाजार में कचरे और गंदगी फैला कर चले जाते हैं। ऐसी हालत में वहां सब्जियां खरीदने कौन जाएगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब भी शनिवार और रविवार को दिन में कोरोना कर्फ्यू (लाॅकडाउन) प्रभावी है। लेकिन कोविड संक्रमण के मामलों में आई कमी के कारण अब सामान्य जनजीवन पटरी पर आने लगा है। लेकिन बिना मास्क लगाए और सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाते इस बाजार में लोगों की भीड़ देखकर लगता ही नहीं कि किसी को भी कोरोना महामारी का खौफ है।
कोविड-19 के प्रभाव और बर्ड फ्लू तथा स्वाइन फ्लू आदि फैलने के मामलों के दौरान भी इस कारोबार में कुछ कमी आई थी। लेकिन एक बार फिर मांसाहार की डिमांड बेतहाशा बढ़ चुकी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह कारोबार खुले आम तेजी से फैलने लगा है। यहां तक कि मांसाहार के कारोबारी और ग्राहक शाकाहारियों के लिए परेशानियों का सबब बन चुके हैं।
स्थानीय प्रशासन जन सामान्य की इस अनकही समस्या से अनजान बना हुआ है इस पर अंकुश लगाने में अब कोई रूचि नहीं ले रहा है