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कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन एवं व्यवसायिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए शुक्रवार को कलक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में एक कार्यशाला जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें जनपद में गठित 30 कृषक उत्पादक संगठनों के प्रगतिशील कृषकों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि कृषि तकनीकी के विकास के साथ-साथ हमारा किसान देश दुनिया के लोगों का पेट भरने में सक्षम हुआ है, किंतु आज भी उनके उत्पाद का उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों को अपने उत्पाद का वाजिब मूल्य प्राप्त करने के लिए उत्पादन के बाद समुचित भंडारण, मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और विपणन पर ध्यान देना होगा, सरकार कृषि अवसंरचना फण्ड (एआईएफ) द्वारा सहयोग प्रदान करेगी।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम औद्योगिक उत्पादन की तुलना कृषक के उत्पादन से करें तो हम पाते हैं कि जो उद्योगपति हैं वह इसलिए अमीर हैं क्योंकि वह संगठित रूप से कार्य करते हैं और किसान हमारा अपने उत्पाद का सही मूल्य नहीं पाता है, क्योंकि वह संगठित नही है। एफपीओ बनाकर किसान उत्पादक और उद्यमी दोनों कार्य करें तो उनकी आमदनी बढ़ जाएगी, उन्होंने बताया कि एफपीओ को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं यथा गोआश्रय, मनरेगा, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं आदि से जोड़कर लाभान्वित कराया जाएगा।
डीडीएम नाबार्ड आरिफा ने बताया कि एफपीओ के प्रोत्साहन हेतु जनपद में दो को प्रमोट करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिनका पंजीकरण कराया गया है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ सुरेश कनौजिया ने कहा कि बाजार की संभावनाएं तलाश कर क्लस्टर रूप से उन्नत ढंग से खेती कर पिता अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. संजीत कुमार द्वारा एफपीओ के गठन की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में जिला कृषि अधिकारी के.के. सिंह एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय ने भी संबोधित किया। कार्यशाला का संचालन उप परियोजना निदेशक आत्मा डॉ रमेश चंद्र यादव ने किया। अंत में धर्मापुर कृषक प्रोड्यूसर कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संध्या सिंह ने आभार ज्ञापित किया।