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आपातकाल पर केंद्रित विचार-गोष्ठी पर डॉ. सत्यवान सौरभ की खास रिपोर्ट
लोकतंत्र की हत्या का प्रयास था आपातकाल : गोविंद भारद्वाज
नारनौल। आपातकाल की 48वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘आपातकाल : लोकतांत्रिक भारत का काला अध्याय’ विषय पर एक विचार-गोष्ठी का आयोजन स्वच्छ भारत मिशन, हरियाणा सरकार, भारतीय जनता पार्टी तथा मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय सैक्टर-1 पार्ट-2 स्थित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र मनुमुक्त भवन में किया गया। डॉ जया शर्मा के संचालन में सम्पन्न हुई इस गोष्ठी में गोविंद भारद्वाज, सुभाष डागर, हंस मुनि आर्य, सुंदरलाल सोनी, दलीप सिंह, बुद्धदेव यादव, शिव कुमार, शकुंतला देवी और ललिता देवी सहित एक दर्जन लोकतंत्र-सेनानियों को श्रीमद्भागवत गीता की प्रति, अंगवस्त्र और तुलसी का पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोविंद भारद्वाज ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1975 में आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की हत्या की थी, हम सब उसके गवाह के रूप में यहां उपस्थित हैं। विपक्षी गठबंधन को नापाक बताते हुए उन्होंने कहा कि आज आपातकाल लागू करने वाली पार्टी के साथ आपातकाल की ज्यादतियों की शिकार पार्टियों के नेता लोकतंत्र बचाने की दुहाई दे रहे हैं, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक सुभाष डागर ने कहा कि आरएसएस ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा का अभियान चलाया था, जिसमें हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया और कष्ट सहे। विशेष आमंत्रित विधायक डॉ.अभय सिंह यादव ने आपातकाल पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर लोकतंत्र का गला घोंटने का निंदनीय प्रयास किया। विधायक सीताराम यादव, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री, लोकतंत्र सेनानी संघ के जिला अध्यक्ष सुंदरलाल सोनी तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा आपातकाल को भारत के लोकतान्त्रिक इतिहास का काला अध्याय और कांग्रेस का लोकतंत्र विरोधी कृत्य बताया। अध्यक्षीय वक्तव्य में भाजपा के जिला अध्यक्ष दयाराम यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और आपातकाल के काले कारनामों का विरोध करती रहेगी। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आर.के. जांगड़ा ने विषय-प्रवर्तन करते हुए आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद काल बताया तथा तत्कालीन सरकार की दमनकारी नीतियों की निंदा की। लगभग दो घंटों तक चली इस विचारोत्तेजक गोष्ठी में मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ कांता भारती, निगरानी समिति के पूर्व अध्यक्ष महेंद्रसिंह गौड़, वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष दुलीचंद शर्मा, वैदिक संस्कृति के प्रचारक जगराम आर्य, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश चौधरी, भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सरोज बाला, इंद्रप्रस्थ लिटरेरी फेस्टिवल की प्रदेशाध्यक्ष डॉ कृष्णा आर्य, सुरेश शर्मा, डॉ सुनील भारद्वाज, निशांत यादव आदि गणमान्य नागरिकों की उपस्थित उल्लेखनीय रही।