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विदेशी फंडिग का दुरुपयोग कर संगठित रूप से अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराकर, उन्हें कूटरचित भारतीय दस्तावेजों के आधार पर आवासित कराने व मानव तस्करी कराने वाले सिंडिकेट के तीन अभियुक्तों की एटीएस यूपी द्वारा किया गया गिरफ्तारी
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। एटीएस उत्तर प्रदेश को आसूचना प्राप्त हो रही थी कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में कुछ व्यक्तियों द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया है, जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर, फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में आवासित कराता है एवं एफसीआरए एकाउंट्स में प्राप्त होने वाली विदेशी फंडिंग के माध्यम से उनको आर्थिक सहयोग कर, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इस आसूचना को एटीएस की फील्ड इकाई वाराणसी द्वारा तकनीकी एवं मानवीय सूत्रों से विकसित किया गया।
पुलिस के मुताबिक
सूचना संकलन से ज्ञात हुआ कि इस सिंडिकेट का एक सदस्य पश्चिम बंगाल से दिल्ली या सहारनपुर जाने की फिराक में है, जिस पर एटीएस की टीम द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए, उसको गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्ति ने अपना नाम आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिल उर रहमान, निवासी मीरपुर, बांग्लादेश बताया, जिसके पास से कूटरचित भारतीय आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि बरामद हुए। अधिक गहरायी से पूछने पर बांग्लादेशी आदिल उर रहमान द्वारा बताया गया कि यह फर्जी भारतीय दस्तावेज, पश्चिम बंगाल के रहने वाले शेख नजीबुल हक एवं अबु हुरायरा गाजी की सहायता से उसने प्राप्त किए हैं। साथ ही यह भी बताया कि उक्त शेख नजीबुल हक एवं अबु हुरायरा गाजी वर्तमान में देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में निवास कर रहें हैं।
उक्त सूचना के आधार पर शेख नजीबुल हक एवं अबु हुरायरा को पूछताछ हेतु एटीएस मुख्यालय, लखनऊ बुलाया गया। पूछताछ के क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा आदिल उर रहमान के पास भारतीय दस्तावेज न होने के कारण हमारे द्वाराउसे आर्थिक सहयोग प्रदान करते हुए कूटरचित भारतीय दस्तावेज उसके नाम पर उपलब्ध कराने में सहायता की गयी। इनके द्वारा यह भी बताया गाय कि आदिल उर रहमान के साथ देवबंद, सहारनपुर में रहने वाले मोहम्मद हबीबुल्ला मस्बाह उर्फ नजीब नामक बांग्लादेशी का भी कूटरचित भारतीय दस्तावेज इन्हीं के द्वारा बनवाए गए थे, जो कि पूर्व में सहारनपुर से गिरफ्तार हुआ था।
इनके द्वारा पूछताछ में भारत-बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय बॉर्डर से मानव तस्करी की बात भी स्वीकार की गयी है। साथ ही एक बांग्लादेशी महिला को पेत्रोपॉल अन्तर्राष्ट्रीय बॉर्डर (भारत-बांग्लादेश) से घुसपैठ कराकर आवासित कराने के साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं।
सिंडिकेट द्वारा FCRA एकाउंट्स में विदेश से प्राप्त हो रहे धन को अवैध घुसपैठियों को सीमा पार कराने, कूट रचित प्रपत्र बनवाने, शरण देने, मानव तस्करी कराने, अवैध तरीके से आवासित करने एवं अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को करने में प्रयोग करते हैं। अभी तक की जाँच के आधार पर लगभग रूपये 20 करोड़ की विदेशी फंडिंग प्राप्त होने एवं लगभग रूपये 1.5 करोड़ की धनराशि की दुरुपयोग होने की बात प्रकाश में आयी है।
अभियुक्तों से पूछताछ में प्राप्त तथ्यों एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर थाना एटीएस, लखनऊ पर मु.अ.सं. 12/2023 धारा 120बी, 34, 419, 420, 467, 468, 471, 370 भा.द.वि., 13/14 विदेशी अधिनियम व 12 पासपोर्ट अधिनियम, तीनों के विरूद्ध पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त –
1. आदिल उर रहमान पुत्र हबीबुल रहमान निवासी मीरपुर, बांग्लादेश, हाल पता जीतपुर, जनपद मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल ।
2. नजीबुल शेख पुत्र शेख अब्दुल कादिर निवासी 01 नम्बर पूर्वा, हल्दर पाड़ा, गुरानबोस, भरतगढ़, थाना बासंती, जनपद दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल, हाल पता देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
3. अबु हुरायरा गाजी पुत्र अब्दुल्ला गाजी निवासी कालूतला, पोस्ट रामेश्वरपुर थाना हसनाबाद, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल, हाल पता देवबंद, प्रदेशा सहारनपुर, उत्तर>
पता देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश ।
3. अबु हुरायरा गाजी पुत्र अब्दुल्ला गाजी निवासी कालूतला, पोस्ट रामेश्वरपुर, थाना हसनाबाद, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल, हाल पता देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश |
बरामदगी-
कूटरचित आधार कार्ड, पैन कार्ड, एनपीएस कार्ड, भारतीय पासपोर्ट
अलग-अलग नाम पते के 02 आईडी कार्ड की छाया प्रति,
• विभिन्न बैंको के एटीएम कार्ड,
• विदेशी मुद्रा एवं भारतीय मुद्रा
• विदेशी सिम कार्ड्स,
• मेमोरी कार्ड – 02 अदद,
• मोबाईल फोन- 03 अदद