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रियाजुल हक
जौनपुर शहर व कस्बों में आजकल व्यापारियों और पुलिस के बीच तू डाल डाल मैं पात पात वाला खेल चल रहा है,
सारा लॉकडाउन का पालन सिर्फ
व्यापारियों का शटर बंद कराने में ही पुलिस गुजार दे रही है,
व्यापारी भी पुलिस के साथ गजब का लुका छुपी का खेल खेल रहे हैं,
एक वर्ग विशेष का त्यौहार होने की वजह से अक्सर लोग कपड़ों की दुकान के बाहर
मंडरा रहे हैं वही कुछ व्यापारी शटर उठाकर दो-चार ग्राहकों को भुला कर,
कपड़े दे दे रहा है तो पुलिस वाले उसके शटर पर ऐसे लाठियां बरसा रहे,जैसे सारा कोरोना यही मिल गया हो या वो व्यापारी कोई बङा अपराधी हो,जबकि शहर में कई जगह ऐसे अंडर ग्राउंड बेसमेंट है जहां पुलिस के संरक्षण में धड़ल्ले से कपड़े का व्यापार हो रहा है,
जिन व्यापारियों को पुलिस वालों का संरक्षण नहीं मिल पा रहा है, पुलिस उन्हे डंडा पीट-पीटकर परेशान कर रही है जैसे लग रहा है सारा कोरोना वायरस इनके शटर पर ही मंडरा रहा है,
जबकि शहर व कस्बों से लेकर गांव तक में राशन वितरण के लिए कोटेदारों की दुकानों पर बिना कोविड-19 का पालन किए सैकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो रही है,
ठंडी बीयर एवं देशी मदिरा की दुकानों पर भीड़ टूट रही है ,लेकिन पुलिस को यह नहीं दिखाई देता उसका सारा ध्यान तो कपड़े व्यवसाय व जूते चप्पलो के व्यापारियों के ऊपर ही है,
वहीं शहरी क्षेत्र में रास्ता अवरुद्ध कर गली कुचो मे
जनता का आवागमन
बढ़ने से भी भीड़ इकट्ठा हो जा रही है जिससे लोगो मे और कोरोना फैलने का भय फैल गया है,
प्रशासन के उलूल- जुलुल फैसलो से आम जनता जहां कोविड-19 से परेशान है उससे ज्यादा प्रशासन की हरकतों से।रियाजुल