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इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री जी को पत्र भेजकर मांग की है कि बकाया महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान कराएं क्योंकि कोविड-19 की बीमारी एवं रोज बढ़ती महंगाई से कर्मचारी परिवार आहत है। वह रोजमर्रा की खाद्य सामग्री एवं महामारी से परिवार को बचाने की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहा है। यह कैसी विडंबना है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकारें सभी संक्रमित परिवार को तो राहत दे रही है परंतु कोविड-19 की बीमारी से मृत कर्मचारियों के परिवार को ₹50 लाख की राहत के निर्णय के बावजूद मृत कर्मचारियों के किसी भी परिवार को बीमा कंपनी के माध्यम से उक्त राहत नहीं मिल पाई है। कारण यह है कि कर्मचारियों के उत्तरदाई अधिकारी मृत कर्मचारियों को उक्त अनुग्रह धनराशि का भुगतान करने का क्लेम प्रस्ताव बीमा कंपनी को नहीं भेज रहे हैं जबकि गाइडलाइन एवं प्रपत्र उन्हें भेजे जा चुके हैं। प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दे कि कोविड-19 बीमारी से मृत कर्मचारियों के परिवार को ₹50 लाख का तत्काल भुगतान कराने की व्यवस्था करें तथा मृत्त कर्मचारियों के आश्रित को नियमित नियुक्ति, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी एवं अन्य देयों का तत्काल भुगतान कराएं जिससे कि अपनी जान पर खेलकर कोविड-19 की बीमारी से पीड़ित जनता की सेवा करने वालों का मनोबल बढ़े। अधिकारियों की लापरवाही के कारण कर्मचारियों का मनोबल निरंतर गिरता जा रहा है और वह ड्यूटी से भागने लगे हैं। सरकार का दायित्व है कि उनकी रक्षा करें तथा मनोबल बढ़ाएं। श्री अतुल मित्र राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में राजकीय, स्थानीय निकायों, राजकीय निगमों एवं शिक्षणेत्तर तथा आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों एवं एनएचएम, आंगनबाड़ी आशा बहुएं, वार्ड बॉय एवं सफाई कर्मचारियों में से किसी को भी राहत पैकेज का भगतान का लाभ नहीं मिल पाया है। जिसके कारण मृत कर्मचारियों का परिवार भुखमरी के कगार पर है जबकि मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा जा चुका है प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि दुखी परिवार को राहत दिलाने का कष्ट करें।