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लखनऊ : प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। बच्चों के लिए सभी मंडल के चिकित्सालयों में 20 और जिला अस्पताल में 10 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं। उधर, पहले चरण में मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड तैयार किए जा रहे हैं। इतने ही बेड दूसरे चरण में बढ़ाए जाएंगे। बाद में मरीजों की संख्या बढ़ने के अनुपात में बेड़ों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वहीं, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट का भी कार्य शुरू कर दिया गया है।
तीसरी लहर की आशंका में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिकित्सा समिति इलाज से लेकर मरीजों को भर्ती करने की गाइडलाइन तैयार कर रही है। उधर, केजीएमयू के बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. शैली अवस्थी और एसजीपीजीआई की प्रो. बनानी पोद्दार के नेतृत्व में गठित कमेटी ने बृहस्पतिवार शाम स्वास्थ्य महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें बच्चों के वार्ड में भर्ती करने से लेकर उनकी देखरेख तक का प्रोटोकॉल बनाया गया है।
साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चों की देखरेख के लिए प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ का होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग अब विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ में से 50 फीसदी को बच्चों की देखभाल के लिए प्रशिक्षण देगा। पहले चरण का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन नर्सिंग कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जो अभी तक दूसरे विभाग में ड्यूटी करते रहे हैं। इसी तरह आशा कार्यकर्ता और एएनएम को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बच्चों के उपचार को लेकर हर स्तर पर परामर्श लिया गया है। बाल रोग विशेषज्ञ के परामर्श के आधार पर अगली रणनीति तैयार की जा रही है। जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को बेड से लेकर उपकरण तक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. डीएस नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक