फिल्मी सितारों की रामलीला के आयोजन से पहले शुरू हुआ विवाद, संत समाज ने लगाया अमर्यादित होने का आरोप

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अयोध्या(संवाददाता) सुरेंद्र कुमार गौतम। 6 अक्टूबर से शुरू होने वाली राम नगरी अयोध्या में फिल्मी सितारों की होने वाली रामलीला के विरोध में संत लामबन्द हो गए हैं। संतों जा आरोप है कि पूर्व में फिल्मी एक्टरों के द्वारा की गई रामलीला अमर्यादित रहा जिसके कारण देश विदेशों में रहने वाले भक्त इससे नाराज हैं इसमें उनके पोषक व पात्रों के चयन सही नही रहा है। और न ही रामलीला का अध्ययन किया गया है
राम नगरी अयोध्या में एक बार फिर सरयू नदी के किनारे होने वाली फिल्मी सितारों की रामलीला की तैयारी शुरू कर दी गई है 6 अक्टूबर से शुरू हो रही रामलीला 15 अक्टूबर तक चलेगा इस बार इस मे सभी पात्र फिल्मी अभिनेताओ के द्वारा किया जाएगा। जिसमे अभिनेत्री भाग्यश्री, अभिनेता शक्ति कपूर ,रजा मुराद, विंदु दारा सिंह, असरानी, शहबाज खान, राज माथुर, अवतार गिल, अमिता नांगिया, रितु शिवपुरी, रवि किशन सहित अन्य स्टार शामिल होंगे। जिसका
अयोध्या के संतों की बैठक में विरोध किया है।
फिल्मी सितरो की रामलीला के विरोध में उतरे संतों ने बैठक इस प्रकार की रामलीला पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई है। साथ ही कहा गया है कि कुछ तरह से अयोध्या में रामलीला का आयोजन करना सनातन धर्म के खिलाफ है। इस बैठक में अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, बड़ा स्थान जानकी घाट के महंत जन्मेजय शरण, नागा राम लखन दास, खाक चौक के महंत परशुराम दास, पवन शास्त्री सहित दो दर्जन सन्त मौजूद रहे। और यह भी कहा है
अयोध्या में नही होने दी जाएगी अमर्यादित रामलीला।संत पूर्व अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत ज्ञान दास ने कहा कि अमर्यादित रामलीला का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा वहीं प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार से अयोध्या के वास्तविक स्वरूप को लेकर ध्यान दिया जा रहा है ऐसे में भगवान श्री राम की जीवन लीला को लेकर की जा रही रामलीला पर भी ध्यान दें अमर्यादित रामलीला का आयोजन अयोध्या में ना हो। सनातन संस्कृति पर नही होने दिया जाएगा आघात।महंत जनमेजय शरण दास ने बताया कि पिछले वर्ष जो शासन प्रशासन के संरक्षण में वर्चुवल रामलीला का आयोजन किया गया। उसी समय से संतो के मन में नाराजगी रही है। और भक्तों में यह संदेश गया है कि अमर्यादित भक्तों के द्वारा अमर्यादित शब्दों व पोषक पहन कर एक सिरिलय कि तरह किया गया जो कभी रामलीला का पात्र की भूमिका नही निभाया है। इसका संतों ने आज बैठक भरपूर्ण विरोध किया है। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास होने वाली रामलीला का विरोध करते हुए कहा कि अयोध्या में रामलीला का आयोजन मर्यादा के तहत को अमर्यादित रामलीला का आयोजन ना किया जाए और किसी भी प्रकार से भारत की संस्कृति को मिटाने की कोशिश ना किया जाए।

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