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अयोध्या(संवाददाता) सुरेंद्र कुमार गौतम। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला भू-गर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक की। उन्होंने भू-गर्भ जल संरक्षण के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि भूजल दोहन की अनापत्ति किये बिना ही कई भूजल उपभोक्ता अनाधिकृत रूप से ड्रिंकिंग वाटर, आरओ प्लांट एवं प्राइवेट रूप से भूगर्भ जल का टैंकरों में भरकर व्यवसाय कर रहे हैं।कुछ स्थानों पर दूषित जल एवं अन्य पदार्थों से सीधे ही ड्रिलिंग कर भूगर्भ जल को दूषित किया जा रहा है। इस प्रकार जल के अवैध व्यवसाय एवं भूगर्भ जल के प्रदूषण को रोकने के लिए अधिनियम की धारा 11 (1) क एवं धारा 27, 28 एवं 29 में प्राविधान किये गये है। उन्होंने बताया कि धारा 39 के तहत भूगर्भ जल दूषित करने व भूगर्भ जल का व्यवसाय के लिए अनाधिकृत रूप से दोहन करने को लेकर दोषी पाये गये व्यक्ति, समूह व संस्था को दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या छह माह से एक वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये है। डीएम ने बताया कि अधिनियम लागू हो जाने के उपरांत जनपद में इस प्रकार के संज्ञेय अपराध अधिनियम के उदेश्यों को बाधित करते हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव, जल विज्ञानी सपना सिंह, सहायक अभियन्ता, भूगर्भ जल विभाग विश्वजीत सिंह व जिले के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।