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गोरखपुर खजनी डी के यू हिन्दी दैनिक रवि कुमार: लखनऊ पीएम नरेंद्र मोदी एक दिन में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन होना है. ये नये मेडिकल कॉलेज देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर जिलों में बनाए गए हैं. प्रतापगढ़ जिले में 234 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया है. इनमें एमबीबीएस की 100-100 सीटें होंगी. मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की मान्यता के लिए कॉलेज के प्राचार्यों ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को आवेदन किया है. इसकी शीघ्र मंजूरी मिल जाएगी. प्रदेश में शुरू होने वाले मेडिकल कॉलेज में प्राचार्यों की नियुक्ति हो गई है। यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर और मिर्जापुर में हैं.
प्रतापगढ़ जनपद में राजकीय मेडिकल कॉलेज का शुक्रवार को लोकार्पण होगा. 234 करोड़ की लागत से बन रहे मेडिकल कॉलेज का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. 10 प्रतिशत बचे हुए कार्य को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आर्य देश दीपक सिंह ने बताया कि शुक्रवार (9 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करेंगे. कार्यदायी संस्था मेडिकल कॉलेज के भवनों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. बता दें कि प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट दो हिस्से में है.
पहला हिस्सा कॉलेज वाला है, जो पूरे केशवराय गायघाट में बन रहा है. यहां 100 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई होगी. दूसरे हिस्से में जिला पुरुष व महिला अस्पताल को अपग्रेड किया गया है. इसमें 500 बेड के वार्ड बने हैं. केशवराय पुर में बने मेडिकल कॉलेज के भवनों में प्रशासनिक कक्ष, लाइब्रेरी, एकेडमिक, कैफेटेरिया, लेक्चर हॉल, आडिटोरियम, 300 छात्र-छात्रों के लिए हॉस्टल, नर्सेज हॉस्टल, डॉक्टरों के रहने के लिए आवास (टाइप टू के 12, टाइप थ्री के 20, टाइप फोर के 20, टाइप फाइप के 8 आवास) बनाने का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है.कुल मिलाकर मेडिकल कॉलेज (Pratapgarh Medical College) का 90 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है, जो 10 प्रतिशत कार्य रह गया है, उसमें फर्नीचर व इलेक्ट्रिसिटी (खिड़की, दरवाजा, पंखा, बेंच) का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है.
कार्यदायी संस्था का कहना है कि जल्द ही इसे भी पूरा कर लिया जाएगा. कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर नवीन मिश्रा ने बताया कि लोकार्पण की तिथि निर्धारित होने के बाद शेष बचे कार्यों को पूर्ण करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है. लोकार्पण तक शेष कार्यों को पूर्ण करने की कोशिश की जा रही है.