भारत देश को वैदिक सनातन राष्ट्र बनाने से समस्त भारतवासियों और सनातन धर्मावलंबियों को होने वाले लाभ: हिंदू देव प्रकाश शुक्ला

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भारत देश को वैदिक सनातन राष्ट्र बनाने से समस्त भारतवासियों और सनातन धर्मावलंबियों को होने वाले लाभ: हिंदू देव प्रकाश शुक्ला

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ।राष्ट्रीय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदू देव प्रकाश शुक्ल ने कहा कि भारत को वैदिक सनातन राष्ट्र घोषित करने से न केवल हिंदू समाज बल्कि पूरे देश के नागरिकों को अनेक लाभ होंगे। यदि भारत को पुनः वैदिक सनातन राष्ट्र घोषित किया जाता है, तो यह हमारी प्राचीन संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को पुनः स्थापित करने में सहायक होगा।

वैदिक सनातन राष्ट्र बनने से होने वाले प्रमुख लाभ:

भारतीय संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण

भारत की मूल पहचान वेद, उपनिषद, गीता और रामायण जैसी सनातन परंपराओं से जुड़ी हुई है। जब भारत को वैदिक सनातन राष्ट्र घोषित किया जाएगा, तो हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज और धार्मिक ग्रंथों को संपूर्ण राष्ट्र के स्तर पर सम्मान और संरक्षण प्राप्त होगा।

धार्मिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण

सनातन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है, जिसका मूल उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण है। वैदिक सनातन राष्ट्र बनने से समाज में धार्मिक सहिष्णुता और आध्यात्मिकता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे व्यक्ति और समाज दोनों का उत्थान होगा।

शिक्षा प्रणाली में वैदिक ज्ञान का समावेश

भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिसमें वेदों, शास्त्रों, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष और संस्कृत को विशेष रूप से पढ़ाया जाएगा। इससे आने वाली पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहेगी और उन्हें भारतीय संस्कृति का गहन ज्ञान प्राप्त होगा।

आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा

आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोग प्राकृतिक रूप से निरोगी और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती

गौ-पालन, कृषि, आयुर्वेद, हस्तशिल्प, वस्त्र निर्माण और अन्य पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्वदेशी वस्त्र, खान-पान और व्यवसाय को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बनेगी।

हिंदू समाज को गौरव और सम्मान

आज हिंदू समाज को अपने ही देश में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वैदिक सनातन राष्ट्र बनने से हिंदू परंपराओं, मंदिरों और धार्मिक स्थलों को विशेष सुरक्षा और संरक्षण प्राप्त होगा। साथ ही, सनातन धर्म को मानने वाले सभी नागरिक गर्व से अपनी संस्कृति को अपना सकेंगे।

गौ-रक्षा और पर्यावरण संरक्षण

गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा और गोशालाओं का निर्माण होगा। साथ ही, नदियों, वनों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए वैदिक सिद्धांतों का पालन किया जाएगा। इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

सामाजिक समरसता और समानता

वैदिक सनातन धर्म में सभी को समान दृष्टि से देखने का सिद्धांत निहित है। जातिवाद, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों को समाप्त कर एक समरस समाज की स्थापना होगी।

रामराज्य की स्थापना

“रामराज्य” का अर्थ है एक ऐसा राज्य जहाँ सभी लोग न्याय, धर्म और कर्तव्य का पालन करें। वैदिक सनातन राष्ट्र बनने से समाज में सत्य, अहिंसा, करुणा और धर्म की स्थापना होगी, जिससे हर व्यक्ति सुखी और सुरक्षित महसूस करेगा।

हिंदू देव प्रकाश शुक्ल ने कहा कि भारत को वैदिक सनातन राष्ट्र घोषित करने का मूल उद्देश्य समस्त भारतवासियों का नैतिक, धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान करना है। इससे न केवल हिंदू समाज बल्कि देश का हर नागरिक लाभान्वित होगा और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा।

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