राज्य स्तरीय विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव संपन्न

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राज्य स्तरीय विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव संपन्न

युवाओं की नीति निर्माण में भागीदारी महत्वपूर्ण – उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेरणादायी मार्गदर्शन विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव-2025 के माध्यम से युवाओं की भूमिका को रेखांकित करता है। उन्होंने यह विचार उत्तर प्रदेश विधान सभा में आयोजित राज्य स्तरीय युवा संसद महोत्सव-2025 के समापन अवसर पर व्यक्त किए।

राज्य स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता 28 व 29 मार्च 2025 को केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के तत्वावधान में माय भारत कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित की गई। इसका उद्देश्य युवाओं को नीति निर्माण में भागीदारी देने और लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाना है। प्रतियोगिता के दौरान चयनित प्रतिभागियों ने ‘भारतीय संविधान के 75 वर्ष : अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा’ तथा ‘संविधान दिवस का 11वां संकल्प : भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की शपथ’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र शासन का सर्वोत्तम तंत्र है, जिसमें लोकवाणी मुखर होती है। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस पावन मंदिर में बैठने, बोलने और पुरस्कृत होने का अवसर मिलना गौरव की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत युवाओं को अभी से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी दी जा रही है।

मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 240 युवा देश की सबसे बड़ी राज्य विधायिका में चर्चा का हिस्सा बनने आए हैं, जो उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद है, इसलिए अपनी बात तथ्यों के साथ प्रभावी और शिष्टाचारपूर्ण ढंग से रखें। यहां चयनित युवा देश की संसद में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के नागरिकों को उनके मूल कर्तव्यों का एहसास दिलाने के लिए आगामी 25 वर्षों का विजन डॉक्यूमेंट रखा है, ताकि वर्ष 2047 में जब भारत अपनी आजादी की शताब्दी मनाए, तब वह एक विकसित राष्ट्र बन चुका हो। इसके लिए पंचप्रण का मंत्र दिया गया है, जिसमें विरासत के प्रति सम्मान और नागरिक कर्तव्यों के पालन पर विशेष बल दिया गया है। युवा शक्ति को इस संकल्प के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।

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