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हरदोई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शाहाबाद में भर्ती प्रसुता और उसके बच्चे की आज इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और नर्स पर रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया है। वहीं, घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जच्चा और बच्चा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
प्राप्त विवरण के अनुसार यह पूरा मामला शाहाबाद स्थित सीएचसी का है। ग्राम सुहागपुर निवासी कमल किशोर अपनी गर्भवती पत्नी रीता (20) को लेकर गुरुवार की सुबह 3:00 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। जहां पर स्टाफ नर्स दीपिका ने उसे भर्ती कर लिया। कमल किशोर के अनुसार, उसने स्टाफ नर्स से पूछा कि यदि कोई परेशानी या दिक्कत हो तो वह प्राइवेट नर्सिंग होम चला जाए। आरोप है कि स्टाफ नर्स दीपिका ने 3000 रुपये की मांग की और कहा कि “मुझे पैसा दे दो, मैं यही आराम से डिलीवरी करवा दूंगी।
गुरुवार सुबह 9:00 बजे रीता के लड़का पैदा हुआ और दोनों की मौत हो गई। उसके बाद स्टाफ नर्स ने उसे हरदोई जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया, जिसके बाद स्टाफ नर्स दीपिका अस्पताल से फरार हो गई। अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर प्रवीण दीक्षित से जब पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि रात में रिजवान खां और स्टाफ नर्स दीपिका की ड्यूटी थी। इसलिए उनसे बात कर लें। डॉ रिजवान खां ने बताया कि इलाज के दौरान हालत गंभीर होने पर प्रसूता को जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया परंतु एंबुलेंस विलंब से आई, जिसकी बजह् से जच्चा और बच्चा की मृत्यु हो गई।
इंस्पेक्टर शिव गोपाल ने बताया कि
पुलिस ने जच्चा और बच्चा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।