प्रदेश सरकार की भूगर्भ जल संरक्षण नीति से कृषि, पेयजल हेतु मिलेगा स्वच्छ जल

Getting your Trinity Audio player ready...

 

 

प्रदेश में गिरते हुए भूजल स्तर तथा भूजल गुणवत्ता के स्थायी समाधान के लिए अब प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन किये जाने की तत्काल आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में पहली बार ’’उत्तर प्रदेश ग्राउण्ड वाटर (मैनेजमेन्ट एण्ड रेगुलेशन) एक्ट-2019’’ प्रख्यापित किया गया है। इसमें प्राविधान किया गया है कि संकटग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनके भूजल प्रबन्धन के प्राविधान किए गए हैं, साथ ही यह भी प्राविधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी भी प्रकार से भूजल एवं नदी, तालाब, पोखर इत्यादि को प्रदूषित न करे। समस्त सरकारी/अर्द्धसरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त कार्यालयों एवं निजी क्षेत्रों की संस्थाओं को भी अपने परिसर में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अनिवार्य रूप से स्थापित करने के प्राविधान किये गये हैं। अधिनियम के प्राविधानों के उल्लंघन और विशेष रूप से भूजल अथवा सतही जल को प्रदूषित करने वालों पर दण्ड के कड़े प्राविधान किये गये हैं। अधिनियम के अन्तर्गत आन-लाइन व्यवस्था हेतु वेब पोर्टल का विकास किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। इस अधिनियम के लागू होने के पश्चात जन-मानस को गुणवत्तापरक भूजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के समग्र प्रयास किए जा सकेंगे।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के संकटग्रस्त विकास खण्डों एवं समस्याग्रस्त शहरी क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की उपलब्धता में प्रभावकारी सीमा तक वृद्धि लाये जाने के उद्देश्य के दृष्टिगत भूजल संसाधनों के समग्र प्रबन्धन एवं संरक्षण हेतु पूर्व में संचालित विभिन्न योजनाओं (यथा- भूजल स्रोतों का मानचित्रीकरण एवं भूजल स्रोतों पर पैरामीटर टेस्ट, जी0आई0एस0 आधारित मानचित्र तैयार करना, रेनवाटर हार्वेस्टिंग एवं रिचार्जिंग, क्षेत्रीय भूजल हब की स्थापना तथा अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकासखण्डों में वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज आदि योजनाओं) को एकीकृत कर ’’राज्य भूजल संरक्षण मिशन’’ की नवीन योजना तैयार की गयी है। मिशन के अन्तर्गत चिन्हित कार्यों को विभिन्न सम्बन्धित विभागों में संचालित योजनाओं एवं उनमें उपलब्ध धनराशि को कन्वर्जेन्स के माध्यम से क्रियान्वित कराने का लक्ष्य है।
प्रदेश में गिरते हुए भूजल स्तर तथा भूजल संचयन व उसकी महत्ता के दृष्टिगत विभाग द्वारा 16 जुलाई से 22 जुलाई के मध्य प्रदेश के 75 जनपदों में ’’भूजल सप्ताह का आयोजन’’ किया गया है। इस वर्ष कोविड-19 कोरोना महामारी के दृष्टिगत भूजल सप्ताह के कार्यक्रमों हेतु जन-मानस को एक साथ एक मंच में एकत्रित किये जाने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से एक नया एवं बड़ा आयाम दिया गया। भूगर्भ जल विभाग द्वारा कार्यक्रम को आन-लाइन करते हुए ई-मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियॉ सांझा की गयी। उ0प्र0 सरकार मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वेबिनार के माध्यम से स्कूली छात्र-छात्राओं, कृषकों, जल क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न एन0जी0ओ0 तथा ग्राम प्रधानों से जन संवाद किया गया।
उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संसाधन के प्रबन्धन की परियोजना हेतु 20 अगस्त 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार तथा जल संसाधन मंत्रालय, इजराइल के मध्य प्लान आफ कॉपरेशन का एमओयू/पीओसी हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके अन्तर्गत बुन्देलखण्ड में जल प्रबन्धन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार किये जाने हेतु प्लान आफ कॉपरेशन के द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में इजराइल के सहयोग से ’इण्डिया-इजराइल बुन्देलखण्ड वाटर प्रोजेक्ट’ पर कार्य किया जाएगा। परियोजना के अन्तर्गत उन्नत कृषि उपायों, इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन के द्वारा क्षेत्र में जल संवर्धन के कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना से किसानों को कम भूजल के प्रयोग से अधिक आय एवं उत्पादन का लाभ मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *