धूमधाम से मनाई गई डॉ भीमराव अम्बेडकर की 131 वीं जयंती

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पाली-(हरदोई)

तहसील सवायजपुर क्षेत्र के अंतर्गत पाली कस्बा स्थित सेठ बाबूराम भारतीय इण्टर कालेज में बुधवार को डॉ भीमराव अम्बेडकर की 131 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। सर्वप्रथम कालेज के प्रधानाचार्य डॉ वेदप्रकाश द्विवेदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप व अगरबत्ती जलाकर डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रम का संचालन भूगोल प्रवक्ता विनोद प्रताप वर्मा ने किया। तत्पश्चात विद्यालय के सभी अन्य शिक्षकों, कर्मचारियों व बच्चों ने डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। आपको बता दें कि संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को मनाई जाती है लेकिन 14 अप्रैल को अवकाश घोषित होने के कारण एक दिन पूर्व 13 अप्रैल बुधवार को ही कालेज में जयंती मनाई गई। प्रधानाचार्य डॉ वीपी द्विवेदी ने डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय देते हुए संक्षेप में बताया कि भारतीय संविधान के निर्माता ,सामाजिक समरसता के प्रेरक व भारत में सामाजिक कांति के संवाहक भारतरत्न डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। इनके पिता रामजी सकपाल व माता भीमाबाई धर्म प्रेमी दंपति थे। डॉ अम्बेडकर ने 1907 में मैट्रिक की परीक्षा पास करके बम्बई विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1924 में भीमराव ने निर्धन और निर्बलों के उत्थान के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा बनाई और संघर्ष का रास्ता अपनाया। 1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की। 02 अगस्त 1947 को अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नये संविधान की रचना के लिए बनी संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। संविधान निर्माण के कार्य को बड़ी मेहनत व लगन के साथ पूरा किया और सहयोगियों से सम्मान प्राप्त कर संविधान निर्माता कहलाये। भूगोल प्रवक्ता विनोद प्रताप वर्मा ने डॉ भीमराव अंबेडकर के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अम्बेडकर संविधान निर्माता के साथ प्रख्यात शिक्षाविद समाज सुधारक बुद्ध एवं कबीर की परम्परा के क्रांतिकारी मनीषी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष में लगा दिया। अम्बेडकर ने जाति प्रथा का पूर्ण रूप से उन्मूलन कर इंसानियत की नींव रखी। उनमें महात्मा गांधी जी का सपना और महात्मा बुद्ध की करुणा दोनों थीं। इसी के साथ अन्य कई शिक्षकों ने ने भीमराव अंबेडकर के जीवन से लेकर उनके कार्य क्षेत्र व उनकी उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी साझा की। इस अवसर पर कालेज के शिक्षक, कर्मचारी व बच्चे मौजूद रहे।

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