कोयला आयात नहीं करेंगे यूपी के ताप बिजलीघर, निजी उत्पादक रद्द करेंगे जारी किए जा चुके टेंडर

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कोयला संकट

प्रदेश के सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बिजलीघर कोयला आयात नहीं करेंगे। आयातित कोयले की वजह से प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने की संभावना के मद्देनजर शासन ने कोयला आयात न करने का निर्णय किया है। केंद्र के भारी दबाव के बावजूद राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने तो इसके लिए टेंडर ही नहीं किए थे। दूसरी तरफ, राज्य सरकार के इस फैसले के बाद निजी उत्पादकों ने भी जारी किए जा चुके टेंडरों को रद्द करने की कवायद शुरू कर दी है।

केंद्र सरकार की ओर से ताप बिजलीघरों के लिए कोयला आयात करने का दबाव बनाए जाने के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दायर कर टेंडर पर रोक लगाने की मांग की थी। परिषद का कहना था कि इससे बिजली दरों में इजाफा होगा और आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा। नियामक आयोग ने विद्युत उत्पादन निगम तथा निजी उत्पादकों रिलायंस, लैनको व बजाज ग्रुप को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था। नियामक आयोग के रुख को देखते हुए राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज ने पूरी वस्तुस्थिति से शासन को अवगत कराते हुए कोयला आयात करने के संबंध में निर्णय करने का अनुरोध किया था।

विद्युत उत्पादन निगम की ओर से बताया गया कि उत्पादन निगम व निजी घरानों द्वारा अगर कोयला आयात किया जाता है तो करीब 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार पडे़गा, जिससे उपभोक्ताओं की दरों में 85 पैसे से लेकर एक रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि हो सकती है।

शासन स्तर पर गहन विचार-विमर्श के बाद जनहित में केंद्र सरकार के दबाव को दरकिनार करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र व निजी उत्पादकों द्वारा कोयले का आयात न करने का फैसला किया गया है। ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार की ओर से उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दे दी गई है। उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार के दबाव में कुछ निजी उत्पादकों ने टेंडर जारी कर दिए थे। उत्पादन निगम प्रबंधन ने इन उत्पादकों को हिदायत दी थी कि बिना शासन और उत्पादन निगम की मंजूरी के कोयला आयात के संबंध में अंतिम निर्णय न किया जाए। अब निजी उत्पादक जारी किए गए टेंडरों को रद्द करने की तैयारी में जुटे हैं।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कोयला आयात न करने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन को भी उपभोक्ताओं के हित में बड़ा फैसला लेने के लिए धन्यवाद दिया है।

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