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पिछड़े क्षेत्रों में निवेश पर अधिक प्रोत्साहन व सुविधाओं वाली नीतियों के बावजूद बुंदेलखंड क्षेत्र में निवेशकों को प्रोजेक्ट लगाने के लिए लुभाना अभी भी मुश्किल बना हुआ है। पूर्वांचल व मध्यांचल में स्थिति कुछ जरूर बेहतर नजर आ रही है, लेकिन निवेशकों का उत्साह नजर नहीं आ रहा है। निवेशकों का भरोसा अभी भी पश्चिमांचल पर बना हुआ है।
तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 80,224 करोड़ निवेश वाली 1406 निवेश परियोजनाओं का शुक्रवार को शिलान्यास होने जा रहा है। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थापित होने वाली इकाइयों की संख्या महज 34 हैं। इन प्रोजेक्ट पर 2,938 करोड़ रुपये ही निवेश हो सकेगा। यह समारोह में निवेश वाली धनराशि का पांच फीसदी भी नहीं है। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बुंदेलखंड निवेशकों की नजर में अभी भी बंजर ही बना हुआ है।
हालांकि, पूर्वांचल से मुख्यमंत्री के होने का थोड़ा फर्क दिखा है। छोटे-बड़े करीब 290 प्रोजेक्ट वहां स्थापित होने जा रहे हैं। मगर, इन प्रोजेक्ट पर निवेश की राशि 10 हजार करोड़ भी नहीं पहुंच पाई है। यानी, कुल निवेश का आठवां हिस्सा भी पूर्वांचल के हिस्से में नहीं आ पा रहा है। निवेश के लिहाज से मध्यांचल की स्थिति भी बहुत उत्साहवर्धक नहीं है। मध्यांचल में 217 प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रस्तावित है। इन पर 8,997 करोड़ रुपये का निवेश होगा। ये स्थितियां तब हैं, जब पश्चिमांचल की अपेक्षा पूर्वांचल, मध्यांचल व बुंदेलखंड में निवेश पर अधिक प्रोत्साहन व सहूलियतों की व्यवस्था है।
दूसरी ओर, पश्चिमांचल पहले से ही औद्योगिक विकास की दृष्टि से काफी आगे है। एकमुश्त 865 निवेश परियोजनाएं स्थापित होने जा रही हैं। इन पर 58,672 करोड़ रुपये निवेश होगा। यानी कुल प्रस्तावित निवेश का करीब तीन चौथाई हिस्सा पश्चिमांचल में निवेश होगा। जानकार बताते हैं, जहां ज्यादा उद्योग लगेंगे, वहीं रोजगार भी ज्यादा सृजित होंगे। ऐसे में बुंदेलखंड व पूर्वांचल से लेकर मध्यांचल तक रोजगार व पलायन की समस्या से निजात के लिए इन क्षेत्रों में अधिक संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी ने एक बार फिर इस तथ्य को प्रमुखता से उभार दिया है।
राज्य में क्षेत्रवार निवेश परियोजनाएं (राशि करोड़ रुपए में)
क्षेत्र निवेश प्रोजेक्ट निवेश राशि हिस्सेदारी
बुंदेलखंड 34 2938 4 प्रतिशत
पूर्वांचल 290 9617 12 प्रतिशत
मध्यांचल 217 8997 11 प्रतिशत
पश्चिमांचल 865 58672 73 प्रतिशत