पूर्वी भूमध्य सागर के गैस भंडार पर नजर, जंग के चलते यूरोप में उभरे ऊर्जा संकट का निकल सकता है हल

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बीते छह माह से जारी रूस यूक्रेन युद्ध ने यूरोप में जबर्दस्त ऊर्जा संकट पैदा कर दिया है। जंग के कारण यूरोप में प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है। यूरोपीय संघ ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह अपने ऊर्जा भंडार का इस्तेमाल यूरोप के खिलाफ एक हथियार के रूप में कर रहा है। ऐसे में पूर्वी भूमध्य सागर में स्थित गैस भंडार यूरोप की रूस पर निर्भरता खत्म कर सकते हैं।

यूरोप के अधिकांश देशों की गैस जरूरतों की पूर्ति रूस करता है, इसलिए वे जंग में यूक्रेन की मदद नहीं कर पा रहे हैं। रूस ने यूरोप को गैस की आपूर्ति भी कम कर दी है, हालांकि उसका कहना है कि उस पर लगाई गई पश्चिम देशों की पाबंदी के कारण गैस निर्यात में गिरावट आई है।

गजप्रोम ने घटाई यूरोप को आपूर्ति
रूसी कंपनी गजप्रोम ने नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन-1 से यूरोप को गैस आपूर्ति तीन दिन बंद करने की घोषणा की। इसके बाद टीटीएफ से जुड़े गैस के वायदा दामों में यूरोप में तेजी से बढ़ोतरी हुई और ये ईयूआर 340 प्रति मेगावाट तक पहुंच गए। हालांकि, गजप्रोम ने दावा किया कि उसके संयंत्रों के टर्बाइनों में दिक्कत कारण आपूर्ति रोकी गई है, लेकिन हकीकत यह है कि नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन से वह आपूर्ति पहले ही 20 फीसदी कम कर चुकी थी।

इसलिए खोजे जा रहे रूस के विकल्प
ऐसे में यूरोप अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विकल्प तलाश रहा है। उधर, खाड़ी के तेल और गैस उत्पादकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने उत्पादन में बढ़ोतरी करने में असमर्थ हैं और वे यूरोपीय महाद्वीप और यूरोपीय संघ की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति  करने में असमर्थ हैं। इसलिए यूरोपीय देशों ने अपना ध्यान पूर्वी भूमध्य सागर में स्थित गैस भंडारों पर लगा दिया है।

इस्राइल, मिस्र व साइप्रस में मिले गैस भंडार
पिछले कुछ सालों में इस्राइल, मिस्र और साइप्रस में पूर्वी भूमध्य सागर में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार मिले हैं। यूरोप ने पूर्व में इस भंडार पर ध्यान नहीं दिया और वे रूस पर निर्भर बने रहे। उन्हें अब समझ आ गया है कि यह क्षेत्र रूस का एक विकल्प बन सकता है। हाल के कुछ वर्षों में लेवेंटाइन बेसिन के भीतर और पूर्वी भूमध्य सागर के पार प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार मिले हैं। ये भंडार इस क्षेत्र को तेल और गैस उत्पादन के बड़े केंद्र और आपूर्तिकर्ता के रूप में बदल सकते हैं।

ईस्ट मेडिटेरेनियन गैस फोरम का गठन
मिस्र, इस्राइल, साइप्रस और हाल ही में ग्रीस ने अपने समुद्री संसाधनों को निकालने, उपयोग करने और निर्यात करने के उद्देश्य से अपने राष्ट्रीय ऊर्जा अनुसंधान को तेज कर दिया है। हालांकि, तुर्की को छोड़कर पूर्वी भूमध्यसागरीय अधिकांश देशों ने प्राकृतिक गैस के मुद्दों पर सहयोग व समन्वय के लिए 2019 में ईस्ट मेडिटेरेनियन गैस फोरम (EMGF) या ईस्टमेड (EastMed) नामक एक अंतर सरकारी संगठन की स्थापना की। ईएमजीएफ के चार्टर पर सितंबर 2020 में हस्ताक्षर किए गए और 9 मार्च 2021 को लागू हुए।

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