प्रदर्शन के दौरान ट्रेन रोकने में अन्नू टंडन दोषी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान दर्ज

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भी वर्ष 2017 में प्रदर्शन के दौरान उन्नाव स्टेशन पर ट्रेन रोकने के मामले में पूर्व सांसद अन्नू टंडन समेत चार लोगों को दोषी करार दिया है। हालांकि कोर्ट ने अपीलार्थियों को राहत देते हुए सिर्फ जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो-दो साल कारावास व 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा अधिक है। लिहाजा अपीलार्थियों को सिर्फ जुर्माने की सजा सुनाई जाती है, जिसे वे जमा कर चुके हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अन्नू टंडन समेत चारों के अपील पर दिया।

गौरतलब है कि आरपीएफ पोस्ट उन्नाव ने 12 जून 2017 को एक शिकायत दर्ज की थी। इसमें कहा गया था कि ट्रेन नंबर 18191 (टाटा-छपरा एक्सप्रेस) को कांग्रेस के डेढ़ से दो सौ कार्यकर्ताओं ने उन्नाव स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचने से पहले रोककर इंजन पर चढ़ गए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व अन्नू टंडन, सूर्यनारायण यादव, अमित शुक्ला व अंकित परिहार कर रहे थे। इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। ट्रायल कोर्ट ने 18 मार्च 2021 को चारों को दोषसिद्ध करार देते हुए दो-दो साल कारावास व 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रेन सिर्फ 15 मिनट के लिए रोकी गई थी और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान नहीं किया। इसलिए अपीलार्थियों को सिर्फ जुर्माने की सजा सुनाई जाती है।

एमपी-एमएलए कोर्ट में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान दर्ज 
धरना-प्रदर्शन के दौरान आवागमन अवरुद्ध करने के मामले में आरोपी तत्कालीन बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान दर्ज किए गए। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने बचाव पक्ष को साक्ष्य पेश करने के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की है। इसके पहले सुनवाई के समय सिद्दीकी कोर्ट में हाजिर हुए और कोर्ट ने उनके बयान दर्ज किए।

 

गौरतलब है कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही पूरी होने के बाद आरोपी के बयान दर्ज किए गए है। तय तारीख पर आरोपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने बचाव में साक्ष्य पेश कर सकते हैं।  पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट उप निरीक्षक शिवा साकेत सोनकर ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में दर्ज करा कर कहा था कि तत्कालीन भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बयानों के विरोध में नारेबाजी करते हुए बसपा के 4-5 हजार कार्यकर्ता हजरतगंज चौराहे से निकलकर विधानसभा के सामने सड़क अवरुद्ध कर दिया है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। विवेचना के बाद पुलिस ने सिद्दीकी समेत अन्य के खिलाफ  21 जून 2017 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।

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