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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आर्थिक मोर्चे पर झटका देने के लिए अमेरिका ने G7 देशों के साथ मिलकर बड़ी योजना बनाई है। अमेरिका ने कहा है कि हम G7 देशों द्वारा घोषित रूसी तेल पर मूल्य सीमा लागू करने के फैसले को जल्द लागू कर पुतिन की मनमानी पर रोक लगाएंगे। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव करेन जीन ने कहा कि रूस के तेल पर मूल्य सीमा तय करना एक शक्तिशाली उपकरण है जिससे कि वैश्विक ऊर्जा की कीमतों में कमी आएगी और विश्व स्तर पर उपभोक्ताओं को लाभ होगा। वहीं इससे पहले G7 के वित्त मंत्रियों ने इसी मुद्दे पर बैठक की और कहा कि हमारे फैसले से यूक्रेन में क्रूर युद्ध को आगे बढ़ाने वाले रूस के राजस्व पर दवाब पड़ेगा।
कई देशों द्वारा रूस से तेल की खरीदारी के बाद सतर्क हुआ अमेरिका
दरअसल अमेरिका का मानना है कि भारत समेत कुछ देशों ने रूस से तेल की खरीद बढ़ा दी है और इसी को देखते हुए वह रूस से आने वाले तेल के दामों की सीमा तय करना चाहता है। इस फैसले से जहां रूस के राजस्व के ऊपर बोझ बढ़ेगा तो वहीं वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इसके अलावा अमेरिका G-7 देशों की आड़ में तेल के निर्यात में दुनिया में बादशाहत हासिल करना चाहता है।
G7 देशों ने कहा हमलोग अपने फैसले पर अडिग
वहीं G7 देशों ने कहा कि वह इस फैसले को मूर्त रूप देने के लिए व्यापक गठबंधन की दिशा में काम कर रहा था। लेकिन फ्रांस में अधिकारियों ने रूकने का आग्रह करते हुए कहा कि अंतिम” निर्णय केवल तभी लिया जा सकता है जब यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी हो। हालांकि हमलोग अपने फैसले पर दृढ़ हैं। बता दें कि G7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं।
रूस के खिलाफ अमेरिका को भारत के साथ की उम्मीद
बता दें कि कुछ दिन पहले भारत दौरे पर आए अमेरिका के उप वित्त मंत्री वैली अडेयेमो ने कहा था कि दामों की सीमा तय करने को लेकर एकसाथ आने के बारे में भारतीय अधिकारियों और नीति निर्माताओं से मेरी बात हुई है और उन्होंने इस विषय में गहरी दिलचस्पी भी दिखाई है। यह उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा की कीमतों को कम करने के भारत के उद्देश्य के अनुरूप है। हम उन्हें इस बारे में सूचनाएं दे रहे हैं और इस विषय पर संवाद जारी रहेगा।