सीएम योगी ने 143 करोड़ की धनराशि की हस्तांतरित, आवास के लाभार्थियों को वितरित की चाबी

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को 426.94 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले 34,500 आवासों के लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 143 करोड़ की धनराशि बटन दबाकर हस्तांतरित की। वहीं 478.49 करोड़ की लागत से निर्मित 39 हजार आवासों के लाभार्थियों को चाबी वितरित करने के साथ गृह प्रवेश की शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने खुद कुछ लाभार्थियों को आवास की चाबी, महिला राज मिस्त्री का सर्टिफिकेट वितरित किए। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम भी मौजूद रहीं।

मुसहर, वनटांगिया समेत 54 पिछड़ी जातियों के उत्थान पर दिया जा रहा जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आजादी के 75 वर्ष बाद भी करीब 70 वर्ष तक मुसहर जाति के लोग शासन की सुविधाओं से वंचित रहे, यह देख मैं काफी आश्चर्यचकित रहा। ऐसे में प्रदेश में वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते हैं इन लोगों को जमीन का पट्टा देने के साथ उन्हे आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई। प्रदेश में 54 ऐसी जाति थीं जिन्हे आजादी के बाद किसी सुविधा का लाभ नहीं मिला, यहां तक कि आजादी के 75 वर्ष बाद विगत वर्ष पंचायत के चुनाव हुए थे, जिसमें उन्होंने पहली बार अपना ग्राम प्रधान चुना अन्यथा उनको देश के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार वेटिंग राइट की सुविधा भी नहीं मिल पाई थी। सीएम योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के पहले मैं उनके इस आंदोलन से जुड़ा हुआ था। मैंने वनाधिकार कानून भी संसद में संशाेधित कराकर उन्हे अधिकार दिलाने की बात कही, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसमें संशोधन होने के बाद भी प्रदेश ने उसे लागू नहीं किया, जिसके कारण 54 से अधिक बस्तियों के लोगों को किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। आज सोनभद्र में ऐसे लोगों को जमीन का पट्टा आवंटित किया जाएगा। आखिर उन्हे यह सुविधाएं पहले क्यों नहीं मिलीं। पहले प्रदेश में मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, बुंदेलखंड में शहरिया आदि जातियों शासन की सभी योजनाओं से वंचित थीं। मुझे प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री आवास से वंचित उन सभी जातियों को मुख्यमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने को पिछली सरकारों ने नहीं भेजे थे प्रस्ताव 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक एक लाख आठ हजार से अधिक परिवारों को योजनाओं का लाभ दिया गया है। इसके साथ ही दिव्यांग और कुष्ठ रोगियों को इन योजनाओं से जोड़ने का काम हुआ है। वास्तव में इन लोगों को जब योजनाओं का लाभ मिलता है तो योजना यशस्वी होती है। वहीं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत महिला को ही इसका मालिकाना हक दिया जा रहा है। आजादी के 75 वर्ष तक जिन लोगों ने जाति के नाम पर समाज के ताने बाने को छिन्न भिन्न किया और उन्हे योजनाओं के लाभ से वंचित किया, वे सभी आपकी दृष्टि से आपके अपराधी हैं क्योंकि उन्होंने आपको शासन की सुविधाओं से वंचित किया। सीएम योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को 905 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू किया था। उस समय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं थी। पिछली राज्य सरकार ने इसे अपने प्रदेश में अपने स्तर पर लागू कराने के लिए प्रस्ताव भी नहीं भेजे थे। वे लोग जो जाति के नाम पर समाज को विभाजित करते हैं वास्तव में यह गरीबों के कितने हितौषी हैं यह इन लोगों की इन कार्यगुजारियों से हम समझ सकते हैं जिन लोगों ने इतनी लोकप्रिय योजना को लागू ही नहीं किया था।

पिछली सरकारों ने राजनीतिक भेदभाव के चलते योजना के लाभ से एक बड़े तबके को वंचित रखा
मुख्यमंत्री योगी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में विगत साढ़े पांच वर्षों के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 45 लाख गरीबों को सिर ढकने के लिए एक-एक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें से 27 लाख ग्रामीणों और 17 लाख से अधिक लाभार्थियों को शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत जिन लाभार्थियों के पास आवास बनाने के लिए जमीन नहीं थी उन्हे जमीन उपलब्ध कराई। इतना ही नहीं उन्हे शासन की प्रत्येक योजना का लाभ पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत सोनभद्र में की गई थी। दरअसल, मैं वर्ष 2018 में सोनभद्र में प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति देखने गया था। उस दौरान एक वनवासी महिला ने कहा कि उसे भी योजना का लाभ चाहिए। अधिकारियों से पूछने पर पता चला कि वह योजना के लिए पात्र तो हैं, लेकिन सूची में नाम नहीं। सीएम ने कहा कि वर्ष 2011-2022 में एसीसी सर्वे के दौरान केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं थी। यही वजह है कि पिछली सरकार ने राजनीतिक भेदभाव के चलते समाज के एक बड़े तबके को इस योजना से दूर रखा। ऐसे में मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत करके योजना से वंचित लोगों को इससे जोड़ा गया।

योजना का लाभ देने में चयन की प्रक्रिया में भेदभाव घाेटाले कारण बनता है
सीएम योगी ने कहा कि योजनाओं का लाभ सामान रूप से समाज के प्रत्येक तबके को मिलना चाहिए जब योजना यशस्वी बनती है। उस यश का कारण शासन और प्रशासन भी बनता है। एक लाभार्थी योजना का लाभ उठाकर उसके सर्वांगीण विकास के मार्ग को आगे बढ़ाता है, लेकिन जब योजना का लाभ अपात्रों को मिलता है, उसमें चयन की प्रक्रिया में भेदभाव होता है तो वह घोटाले कारण बनती है और फिर चयन करने वालों को एक न एक दिन जेल जाना पड़ता है। उन्हे वहां सड़ने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है इसलिए पारदर्शी व्यवस्था के तहत प्रदेश में बड़े पैमाने पर एक करोड़ 63 लाख से अधिक परिवारों के लिए शौचालय का निर्माण कराया। चयन की प्रक्रिया से छूटे लोगों के लिए दोबारा से सर्वे कराया गया और उन्हे शौचालय उपलब्ध कराए गए। आवास योजना से जो लोग वंचित थे उन्हे आवास दिलवाया गया और जिनका नाम सूची में नहीं था उनको भी आवास का लाभ दिया गया। सीएम योगी ने कहा कि बेटी के पैदा होने से लेकर उसकी शादी तक का खर्च सरकार उठा रही है। महिलाओं, युवाओं और समाज के हर वर्ग के लिए विभिन्न योजनएं चलाई जा रही हैं, उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वह इन योजनाओं को भरपूर लाभ उठाएं। सीएम योगी ने कहा कि काेरोना काल से पहले प्रदेश के काफी युवा कोचिंग के लिए बाहर जाते थे, आज उनको कोचिंग के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है, वह मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग सुविधा का लाभ उठा रहा है। हाल ही में आए लोकसेवा आयोग के परिणाम में 43 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोचिंग का लाभ उठाया और उनका सेलेक्शन हुआ।

 

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री ने सीएम आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत निर्मित होने वाले 34,500 आवासों के लाभार्थियों को प्रथम किस्त के ऑनलाइन हस्तांतरण किया। उन्होंने 39,000 आवासों के लाभार्थियों को चाबी सौंपी।

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