1965 और 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में निभायी महत्वपूर्ण भूमिका, घायल होने के बाबजूद पाकिस्तान के सैंकडों सैनिकों को उतारा मौत के घाट

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  • बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।

    जनपद बागपत की आन-बान-शान माने जाने वाले ढ़िकौली निवासी कैप्टन राज सिंह ढ़ाका का 96 वर्ष की आयु में 19 नवम्बर 2022 को स्वर्गवास हो गया था। आज उनके पैतृक गांव ढ़िकौली में तेहरवीं संस्कार का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर भारत के विभिन्न जनपदों से आयी अनेकों जानी-मानी हस्तियों ने कैप्टन राजसिंह ढाका के चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजली दी, उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में ढांढ़स बंधाया। तेहरवीं संस्कार में कैप्टन राज सिंह ढ़ाका के पुत्र व राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता ओमबीर ढाका को पगड़ी पहनाकर पगड़ी की रस्म को पूर्ण किया गया। इस अवसर पर लोगों ने कैप्टन राजसिंह ढाका की वीरता के अनेकों किस्से सुनाये। उनके नजदीकी माने जाने वाले एक बुर्जुग ने बताया कि कैप्टन राज सिंह ढाका ने वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। घायल होने के बाद भी कैप्टन राजसिंह ढाका ने सैंकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। वीरता के लिए कैप्टन राज सिंह ढाका को कई बार देश के माननीय राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार मिल चुके है। इसके अलावा भी भारत सरकार और थल सेना ने विभिन्न अवसरों पर कैप्टन राजसिंह ढाका अनेकों वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया है। कहा कि युद्ध में कैप्टन राजसिंह ढाका कई बार घायल हुए, जिनके निशान मरते दम तक उनके शरीर पर रहे। कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्ध में मोटार्र गिरने से एक बार तो वह इतना अधिक घायल हो गये थे कि डाक्टरों ने इनको मृत मानकर पोस्टमार्टम हाउस में भेज दिया था, लेकिन वहां पर इनको होश आने पर इनका दोबारा इलाज किया गया और इनको जीवित रखने के लिए डाक्टर कुछ मोटार्र के टुकड़े नही निकाल पाये और वह टुकड़े ताउम्र उनके शरीर में रहे। थल सेना से रिटायरमेंट के बाद कैप्टन राजसिंह ढाका ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और समाज में देशभक्ति की अलख जगायी। इस अवसर पर रालोद के राष्ट्रीय सचिव सुखवीर सिंह गठीना, छपरौली विधायक डॉ अजय कुमार, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर, रालोद वरिष्ठ नेता सुरेश मलिक, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश चौधरी, देवेश कुमार शर्मा एसएचओ, विश्वास चौधरी, विक्रम पांचाल, सामाजिक कार्यकर्त्ता और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन सहित हजारों लोग उपस्थित थे।

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