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पिहानी सिंह वाहिनी मंदिर में आठ दिवसीय आषाढ़ी मेले का शुभारंभ
हरदोई, पिहानी कस्बे के सिंह वाहिनी मंदिर मे आठ दिवसीय आषाढी मेले का शुभारंभ हो गया। प्रतिवर्ष मेले के दौरान श्रद्धालु श्री नृसिंह आश्रम मंदिर पर स्थित बाबा लक्ष्मण दास की मूर्ति और धूनी पर श्रद्धा सहित चिलम चढ़ाते हैं। प्रचलित मान्यता है कि बाबा की धूनी के पास चिलम चढ़ा कर श्रद्धालु जो भी मनोकामना करते हैं, वह अवश्य पूरी होती है। सोलह सिंगार करके मां सिंह वाहिनी की सुहागिनें पूजा करती हैं। प्राचीन नृसिंह मंदिर में नृसिंह भगवान का विधि विधान पूजन होता है।
सिंह वाहिनी मंदिर के महंत मदन दास, समाजसेवी स्वर्गीय बृजेश सिंह मझिले के पुत्र विशाल सिंह शीतला मंदिर में व राकेश गुप्ता भूरेश्वर मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन करते हैं। इन भंडारों में आसपास इलाके के अलावा दूरदराज व अन्य प्रांतों से आए साधु संत भी हिस्सा लेते हैं। आठ दिवसीय अषाढ़ी मेले में खिलौने चाट, पकौड़ी झूला आदि की दुकानें लगती है। मेले में बच्चे खरीदारी करके चाट पकौड़ी का खूब आनंद लेते हैं। शुक्रवार को राज किशोर सिंह ,विशाल सिंह, राम स्नेही, विजय कुमार समेत सैकड़ों लोगों ने बाबा लक्ष्मण दास को प्रसाद के रूप में चिलम चढ़ाई। आरती, रोली, स्नेह लता ,मीना कुमारी समेत कई सुहागिनों ने मां सिंह वाहिनी का सोलह सिंगार कर पूजा अर्चना की। शुक्रवार को मेले में खासी भीड़ उमड़ी।
महंत मदन दास बताते हैं कि अषाढ़ी माह में सिंह वाहिनी माता, बाबा लक्ष्मण दास व नृसिंह भगवान की पूजा उपासना से शक्ति से हर कष्ट से मुक्ति मिल सकती है। सच्चे मन और पूर्ण श्रृद्धा से अगर जप तप किया जाए। तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। महंत ने बताया कि आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक और आंवले का दान किसी ब्राह्मण को करें। इस महीने में सूर्य और देवी की भी उपासना की व तंत्र और शक्ति उपासना के लिए “गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान’ किया जाएगा।27 जून सोमवार को रोहिणी व्रत की तिथि है।27 जून सोमवार को ही मासिक शिवरात्रि भी है। 29 जून बुधवर को आषाढ़ अमावस्या की तिथि रहेगी। इसी दिन मेले का समापन किया जाएगा