गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कुलपति ने अंगवस्त्रम् भेंट कर शिक्षकों का किया सम्मान

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विद्यार्थियों में सकारात्मकता का संचार करें शिक्षकः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

क्राइम रिपोर्टर धनंजय विश्वकर्मा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने विद्यार्थियों के साथ सभी शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर मौर्य ने कहा कि गुरु और शिष्य के बीच स्वस्थ परंपरा होनी चाहिए। गुरु निरंतर विद्यार्थियों में सकारात्मकता का संचार करते रहें। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था की पहचान उसके गुरुओं से होती है और गुरुओं द्वारा दी जाने वाली शिक्षा विद्यार्थियों को सद्मार्ग पर ले जाती है। कहा कि चींटी भी हमें कर्मठता, अनुशासन और एकता का परिचय देतीं है। हमें अपने अंदर सीखने की प्रवृत्ति का निरंतर विकास करते रहें।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि लौकिक और पारलौकिक दोनों का ज्ञान देने वाला ही गुरु होता है।
वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि गुरु पूर्णता का प्रतीक है। उन्होंने गुरु और शिक्षक के अंतर को परिभाषित किया।
इस अवसर पर आईक्पूएसी प्रकोष्ठ के प्रो. मानस पांडेय ने कहा कि अध्यापक होना पूर्व जन्मों का प्रताप है। उन्होंने गुरु शिष्य के शास्त्रीय और अध्यात्मिक महत्व को विस्तार से बताया। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने गुरु-शिष्य की परंपरा को लोकगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो मुराद अली, डॉ मनोज पाण्डेय रहे। संचालन हुजैफा खान और धन्यवाद ज्ञापन हिदायत फातिमा ने किया।
इस अवसर पर प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो.रामनारायण, प्रो. मुराद अली प्रो. देवराज सिंह,प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राकेश यादव, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. नुपुर तिवारी,. प्रमोद कुमार, डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजबहादुर यादव, डॉ संतोष कुमार, डॉ राजकुमार, डॉ मनीष कुमार गुप्ता, डॉ रसिकेश, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, बबिता सिंह और दीपक सिंह, डा. राजेश सिंह. अभिनव श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे।

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