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डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का ‘‘प्रथम दीक्षांत समारोह‘‘ सम्पन्न
भारत की प्रगति के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है: आनंदीबेन पटेल
एक सेकंड की कीमत एक करोड़ से ज्यादा है, इसलिए इसे बर्बाद मत करो: डॉ. शिव कुमार सरीन
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। ‘एक सेकंड की कीमत एक करोड़ से ज्यादा है, इसलिए इसे बर्बाद मत करो‘ यह बात डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के प्रथम दीक्षांत समारोह में अपना वक्तृत्व देते हुये प्रो0 (डॉ0) शिव कुमार सरीन, कुलाधिपति एवं निदेशक, इंस्टीटयूट ऑफ लिवर एंड बिलियारी साइंस, नई दिल्ली ने कही । उन्होने कहा कि डिग्री लेने के बाद आप की यात्रा समाप्त नहीं बल्कि शरू हुई है। आपका जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया होना चाहिए। बड़ा डाक्टर होने के साथ-साथ अच्छा इंसान होना बहुत जरूरी है। एक चिकित्सक को अपने पेशे में हमेशा करूणामय और नम्र होना चाहिए। मरीजों के प्रति इस व्यवहार से उनका काफी मर्ज बिना इलाज के ही ठीक हो जाता है। उन्होंने छात्रों को निरंतर कुछ नया सीखते रहने की सीख दी। साथ ही NAMS Cell में पंजीकरण कराने की भी सलाह दी जिससे वह ज्यादा से ज्यादा शोध कार्य कर सके। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह लोहिया में Invent and Test Center की स्थापना करें जिसमें प्रत्येक मेडिकल विद्या जैसे होम्योपैथी, आयुष इत्यादि के प्रतिनिधि जुडे हो जिससे वह साथ मिलकर किसी भी विषय पर कार्य करें। उन्होने Incubation Cell की स्थापना का भी सुझाव दिया। जिससे संस्थान के छात्रों को उच्च संस्थानों में कार्य करने का मौका प्राप्त हों। अतं में उन्होंने छात्रों को निरंतर पढ़ते रहने, सीखते रहने, जीतते रहने और गुरूओं का आदर करते रहने की सीख दी और गुरूओं की फिक्र को फक्र में बदलने को कहा।
दीक्षांत समारोह की प्रेरणा स्त्रोत संस्थान की कुलाध्यक्ष एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल द्वारा डी0एम, एम0सी0एच0 एम0डा0 तथा पी0डी0सी0सी0 डिग्री का वितरण किया गया और एम0बी0बी0एस छात्रा को शैक्षिणक उतकृष्ट प्रदर्शन हेतु मेडल दिये गये। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा ‘‘आज एक महत्वपूर्ण अवसर है जब हम सब डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के प्रथम दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य मे हमारे प्रतिभाशाली और समर्पित डॉक्टरों का सम्मान करने के उद्देश्य से एकत्रित हुए है।‘‘ उन्होंने संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह मे आए हुये मुख्य अतिथि विश्वप्रसिद्ध, पद्म भूषण डॉक्टर शिवकुमार सरीन, संस्थान की डायरेक्टर प्रो0 सोनिया नित्यानंद, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश, संस्थान के प्रत्येक चिकित्सक गण, पुरस्कृत छात्र छात्राओं एवं उनके माता-पिता को, आंगनबाड़ी के कत्रियों, कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बालिकाओं का आभार प्रकट किया जो लोहिया संस्थान के इस इतिहास रचे जाने वाले इस क्षण में उपस्थित थे। उन्होंने कहा हमारे डॉक्टरों ने कठिन प्रशिक्षण का सामना किया है, अदभुत समर्पण दिखाया है, और चिकित्सा ज्ञान की प्राप्ति में अद्वितीय सहिष्णुता प्रदर्शित की है। भारत की प्रगति के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है। भारत की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, इसलिए स्वास्थ्य के लिए सभी के लिए एक प्रणाली होना चाहिए। इसके लिए सरकार के पास आयुष्मान भारत, जन औषधी केंद्र, जहां सस्ती दवाएं मिलती हैं, फिटनेस योग, खेलो इंडिया जैसे कई योजनाएं हैं। डॉक्टर आगे बढ़कर लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करते रहें । उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स को चिकित्सा के क्षेत्र में प्रमुख बनना पर जोर डाला।
कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि मयंकेशर शरण सिंह, राज्यमंत्री, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण, उ0प्र0 सरकार ने संस्थान के डिग्री एवं मेडलधारी विद्यार्थियों को बधाई दी, तत्पशचात् उन्होने और छात्रो को अपने अपने क्षेत्र में नयी ऊचांई प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। राज्य में मेडिकल स्पेषलिस्ट और सुपर- स्पेशलिस्ट की नितांत आवश्यकता के द्रष्टिगत उन्होने माननीय राज्यपाल महोदया, से आग्रह किया कि बॉण्ड को 02 साल से बढ़ा कर 03 साल कर दिया जाये। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 और डा0रा0म0लो0आ0सं0 में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए और प्रत्येक विषय से इन तीनों संस्थानों में सबसे ज्यादा अंक पाने वालो को गोल्ड मेडल से ऊपर प्लेटिनम मेडल दिया जाना चाहिए।
संस्थान की निदेशक प्रो0सोनिया नित्यानन्द ने सर्वप्रथम गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की विस्तृत वार्षिक रिर्पोट प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने बताया कि संस्थान के (सुपरस्पेशलिटी और ऑन्कोलॉजी विंग) को 01 जून, 2023 से एन0ए0बी0एच0 मान्यता प्रदान की गयी, जिससे यह संस्थान एन0ए0बी0एच0मान्यता प्राप्त करने वाला राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र का पहला संस्थान और आई0एल0बी0एस0 के बाद उत्तर भारत में दूसरा संस्थान बन गया है। यह संस्थान रोगी देखभाल में प्राप्त की गई उच्चगुणवत्ता को उजागर करता है। यह पिछले 02 वर्षों से संस्थान के मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा सम्मिलित प्रयास से संभव हो सका है।
इस वर्ष संस्थान को ‘‘मेडिकल इंस्टीट्यूट कॉलेज में वर्ष 2023 की सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण और कौशल विकास पहल‘‘ श्रेणी के तहत फिक्की हेल्थ केयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।हमारी पहल का नाम ‘‘सेवा में श्रेष्ठ एक नई पहल‘‘ है। स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित संक्रमण दर को कम करने, आपातकालीन स्थितियों के कुशल संचालन, विकास के लिए सतत प्रशिक्षण और पुरर्नप्रशिक्षण पहल जो 01.04.2022 को शुरू हुई और अभी भी जारी है। जिसके अंर्तगत 2705 हेल्थ केयर प्रोफेशनल को प्रशिक्षित किया जा चुका है, 118 सत्र चल चुके है, 46 मॉड्यूल 56 विशेषज्ञ पढ़ाए जा चुके हैं।
एनएमसी द्वारा 150 एम0बी0बी0एस0, 13 नई पीजी सीट और 04 डी0एन0बी0सीटों को मान्यता प्रदान की गयी है।
संस्थान के नए विभागः-अस्पताल प्रशासन (हॉस्पिटल एडमिनिट्रेशन), क्लिनिकल हेमेटोलॉजी, रिप्रोडक्टीव मेडिसिन और पेडियाट्रिक हेपेटोलॉजी यूनिट स्वीकृत किये गये है। संस्थान में कॉक्लियर इंप्लांट्स किये जा रहे है। अली यावर जंग इंस्टीट्यूट, मुंबई द्वारा संस्थान को कॉक्लियर इंप्लांट के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की सूची में शामिल किया गया है।
संस्थान में कुपोषित बच्चों के लिए बाल पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गयी है।
संस्थान द्वारा देश के पहले बाल आघात पुनर्जीवन मॉड्यूल (पेडियाट्रिक ट्रामा रेसेसिटेशन माड्यूल) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है जो हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान की पहली कार्यशाला में लॉन्च किया गया।
कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए कल्याण सिंह सुपरस्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट, के साथ समझौता किया गया।
यह वर्ष कैडर संरचना, पदोन्नति और नई भर्तियों का भी वर्ष रहा है। कैडर संरचना के लिए नए पैरामेडिकल और मेडिकल पदों की मंजूरी के लिए एक ऐतिहासिक दस्तावेज मानकीकरण की मंजूरी के लिए यूपी सरकार को धन्यवाद।
संकाय सदस्यों की सूची में 35 नये सदस्य एवं 35 पदोन्नत किये गये।
नई भर्तियाँः-नर्सेः 376 (431), 14 एलडीए (39), 17 फार्मासिस्ट, कॉलेज ऑफ नर्सिंग में वॉइस-प्रिंसिपल और 09 ट्यूटर्स की भर्ती की गयी।
पैरामेडिकलः- 200 प्रमोशन किए गए।
परियोजनाओं का समापनः-गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग हॉस्टल, मातृ आईसीयू, बाल चिकित्सा नवजात आई0सी0यू0, नई आपातकालीन विंग, थैलेसीमिया वार्ड, सभी रेन बसेरो का नवीनीकरण किये गये। एडवासं न्यूरो सांइस सेंटर केंद्र का कार्य पूर्ण होने के करीब है।
नए इन्फ्रास्ट्रक्चर जो प्रक्रियाधीन हैं- प्रत्यारोपण केंद्र, बहुउद्देशीय हॉल परिसर, यू0एच0टी0सी0 शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (उज्जरिया), ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरआरटीसी) ओवर हेड ब्रिज संस्थान से एकेडमिक ब्लाक तक, संस्थान के राम प्रकाश मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय के लिए समर्पित रेडियोलॉजी यूनिट की शीध्र शुरुआत की जायेगी।
भविष्य की परियोजनाओ के अर्न्तगत सरकारी प्रक्रियाएं शुरू हुई-
नया अस्पताल ब्लॉकः प्रथम चरणः 732 बिस्तरों के साथ, द्वितीय चरणः 400 बिस्तर जिनका डीपीआर सरकार को सौंपा गया है।
100 बिस्तरों वाला सीसीएम जो एनएचएम द्वारा वित्त पोषित का प्रस्ताव एन0एच0एम सौपा गया हैै, पीडब्ल्यूडी को इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, सभागार एवं बहुउद्देशीय हॉल परिसर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज, एम0बी0बी0एस0 छात्रों, नर्सिंग छात्रों के लिए छात्रावास की परियोजनाए जमा कर दी गयी है। रेजिडेंट हॉस्टल की परियोजना डी0जी0एम0ई0 को सौप दी गयी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंर्तगत एच0पी0वी0जागरूकता और टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें कुल 4688 लड़कियों को निःशुल्क एच0पी0वी0 टीकाकरण किया जा चुका है। जिसके लिए लगभग 3 करोड़ रुपये की धनराशि राजभवन, युवा अनस्टॉपेबल, एकम फाउंडेशन, डीएम/डीआईओएस संस्थाओं द्वारा दिया गया है।
संस्थान श्री अन्न योजना के अंर्तगत रोगी को प्रतिदिन बाजरा आधारित एक आहार उपलब्ध कराता है।
संस्थान में योग पर स्वास्थ्य लाभों पर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए योगशाला का निर्माण किया गया है।
गुड गर्वनेंस के अंर्तगत नियमित तौर पर नर्सों को प्रशिक्षण एवम पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। रोगी प्रतिक्रिया (फीडबैक) प्रणाली लागू की गयी है। संस्थान में विक्रेताओं का प्रदर्शन मूल्यांकन (परफॉर्मेंस अपरेजल ऑफ वेडर ), हॉस्पिटल प्रोक्योरमेंट सेल, हॉस्पिटल मेनटेनेस सेल, इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर की स्थापना की गयी है। हेल्थ केयर वर्कर्स का व्यापक टीकाकरण किया जाता है।
क्वालिटी सेल की स्थापना की गयी है जिसमें रोगी देख भाल सेवाओं की गुणवत्ता से संबंधित इनडीकेटरस पर कार्य किया जाता है।
भविष्य में संस्थान की परियोनाएं-
1. प्रत्यारोपणकेंद्रः एक ही छत के नीचेः किडनी, बोनमैरो और लिवर प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
2. मातृ एवं बाल चिकित्सा हेतु 100 बेड का सी0सी0एम शुरू किया जायेगा।
3. रिप्रोडक्टीव मेडिसीन विभाग एवं पीडीयाट्रीक ऑन्कोलॉजी शुरू किया जायेगा।
4. मरीजो के लिए स्मार्ट कार्ड सिस्टम शुरू किया जायेगा एवं औषधि वितरण प्रणाली (एचआरएफ) का विस्तार किया जायेगा।
5. शैक्षिणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर नियमित भर्तियां की जायेगी।
विकसित भारत @2047 के अंर्तगत संस्थान द्वारा की जा रही गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की 21 छात्राओं का निःशुल्क एच0पी0बी0 टीकाकरण किया गया एवं उन्हें स्कूल किट (बैग एवं पुस्तकें) का वितरण किया गया। 5 आंगनबाडी कर्त्रियों को क्रेच हेतु उपहार में खिलौने एवं मेडिकल किट दी गयी। कुलाध्यक्ष एवं राज्यपाल द्वारा अपनी तरफ से कस्तूरबा गांधी विद्यालय को पुस्तके भेंट स्वरूप दी गयी।
संस्थान द्वारा कुल 60 उपाधियों का वितरण किया गया जिन्हें डीजी लॉकर पर भी अपलोड किया गया है। कुल 29 पदक वितरण किये गये है।
कार्यक्रम में संस्थान के संकाय सदस्य, गणमान्य अतिथिगण, छात्र एवं उनके अभिवावक उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की एक्जीक्यूटीव रजिस्ट्रार प्रो0 ज्योत्सना अग्रवाल द्वारा एवं सफल मंच संचालन डॉ0 सुजीत राय द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम का समापन संस्थान के डीन प्रो0 प्रद्युम्न सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर किया गया।
मीडिया कर्मी बंधुओं के अभिनंदन के लिए, संस्थान का पी0 आर0 सेल चेयरमैन प्रो० (डॉ०) ए० पी० जैन के नेतृत्व में पीआरओ मीना जौहरी व नोडल अधिकारी निमिषा सोनकर समेत लोहिया संस्थान का समस्त मीडिया-पीआर सेल सक्रिय था।