14 फरवरी – श्रीरामचरितमानस,
नमो राघवाय 🙏
कपि सेन संग सँघारि
निसिचर रामु सीतहि आनिहैं ।
त्रैलोक पावन सुजसु सुर
मुनि नारदादि बखानिहैं ।
जो सुनत गावत कहत
समुझत परम पद नर पावई ।
रघुबीर पद पाथोज मधुकर
दास तुलसी गावई ।।
( किष्किंधाकांड, छंद 29)
राम राम 🙏🙏
जामवंत जी ने हनुमान जी से कहा कि आपका जन्म राम काज के लिए हुआ है । आप जाकर सीता का पता लगाकर लौट आएँ और बता दें , तब राम जी कपियों की सेना के साथ निसाचरों को मारकर सीताजी को ले आएँगे । फिर देवता , नारद आदि मुनि तीनों लोकों को पावन बनाने वाले भगवान के यश का बखान करेंगे, जिसको सुनने , गाने , कहने व समझने से मनुष्य परम पद पा जाते हैं । राम चरणों का प्रेमी तुलसी इसी राम यश को गाता है ।
राम जी का यश तीनों लोकों को पावन करता है , तुलसीदास जी ने भी राम यश का गान किया परिणाम आपके सामने है । हम आप भी जगत यशगान छोड़ जगदीश के यश का गान करें , उसी यश को सुनें और उसी का स्मरण करें , परिणाम में हमें भी परम पद अर्थात् राम पद की प्राप्ति हो जाएगी ।अथ ! जय राम यश , जय राम यश 🚩🚩🚩
संकलन तरुण जी लखनऊ