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2 मार्च – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
भेद हमार लेन सठ आवा ।
राखिअ बाँधि मोहि अस भावा ।।
सखा नीति तुम्ह नीकि बिचारी ।
मम पन सरनागत भयहारी ।।
सुनि प्रभु बचन हरष हनुमाना
सरनागत बच्छल भगवाना।।
( सुंदरकांड 42/4-5)
राम राम 🙏🙏
विभीषण राम जी की शरण में आए हैं । सुग्रीव जी से राम जी पूछते हैं कि क्या किया जाए । सुग्रीव कहते हैं कि भेद लेने आया है इसलिए बाध के रखना उचित होगा ।राम जी कहते हैं कि मित्र! तुम नीति तो ठीक कह रहे हो परंतु मेरा प्रण तो शरणागत के भय को हर लेना हैं ।राम जी के वचन सुन हनुमान जी हर्षित होते हैं ( कि भगवान कैसे शरण में आने वाले को प्रेम करते हैं ) ।
भगवान की यह टेक हैं कि जो भी शरण में आएगा , उसके भय को वे दूर करेंगे । भगवान शरण में आने वाले का न केवल भय दूर करते हैं बल्कि शरण में आने वाले को प्रेम भी करते हैं । अतएव! आप भगवत प्रेम पाना चाहते हैं तो राम जी की शरण लें , राम जी का वरण करें । अथ ! जय जय राम शरण , जय सीताराम शरण 🚩🚩🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ