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21 मई – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
प्रनतपाल रघुनायक
करुना सिंधु खरारि ।
गएँ सरन प्रभु राखिहैं
तव अपराध बिसारि ।।
( सुंदरकांड , दो . 22)
राम राम 🙏🙏
हनुमान जी को मेघनाद नागपाश से बांध कर रावण के दरबार में लाया है । रावण हनुमान जी से कुछ प्रश्न करता है । हनुमान जी उसका उत्तर देने के बाद रावण को समझाते हैं कि राम जी जगदीश हैं उनसे कभी भी वैर न करो । राम जी शरणागत के रक्षक हैं , करुणा के सागर हैं , शरण में जाने पर तुम्हारा अपराध भूलकर तुम्हें स्वीकार कर लेंगे ।
राम जी शरणागत के रक्षक हैं , शरणागत का अपराध याद नहीं रखते हैं परंतु जीव को अपना अपराध याद रहता है इसीलिए वह राम शरण में नहीं जाता है व दुख पाता है । परंतु यदि आप राम स्मरण बढ़ा देते हैं तो आप अपराध नहीं करेंगे , राम शरण ले लेंगे और राम जी आपको अपना भी लेंगे । अत: राम जी का अपनापन पाने के लिए अपना राम स्मरण बढ़ाएँ । अथ ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ