ए आई काल में भाषा शिक्षण पर हुई चर्चा

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  ए आई  काल में  भाषा शिक्षण   पर चर्चा

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। अंग्रेजी भाषा शिक्षण में एआई की दखल के साथ शिक्षण तकनीकी में सृजनात्मकता का महत्त्व बढ़ेगा । वर्तमान  ए आई  काल में   अंग्रेजी भाषा शिक्षण  में जहाँ सुगमता  के लिए व्यापक आयाम दिख रहे  हैं;  वहीँ दूसरी और गुणवत्ता और रोचकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षकों को जहाँ एक ओर नए  शिक्षण-अधिगम संदर्भ शिक्षा   दर्शन  के साथ तारतम्य स्थापित करने की चुनौती है वहीँ   दूसरी ओर भाषा के संरचनात्मक सार और लय को खोए बिना कुछ सुखद, प्रामाणिक और नवीन बनाने का भी लक्ष्य  होगा। किसी भी क्षेत्र में व्यावसायिक उत्कृष्टता कार्य के दर्शन के अनुरूप कार्य वातावरण की रणनीतिक योजना से आती है। जहां तक अंग्रेजी अध्ययन  का सवाल है, असामान्य अंतर्दृष्टि के साथ नवाचार और रचनात्मकता एआई  के साथ  शिक्षण में   तालमेल  स्थापित करेगी। ”  ये बातें लखनऊ विश्वविद्यालय  में अंग्रेजी  के प्रोफेसर आर पी सिंह ने  यूनिवर्सिटास पीजीआरआई आदि बुआना इंडोनेशिया   के अंग्रेजी भाषा शिक्षा  विभागद्वारा आयोजित “नेविगेटिंग इनोवेशन: स्ट्राइविंग टू द सस्टेनेबल ईएलटी” शीर्षक अंतर्गत आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समेलन में मुख्य वक्त के रूप में बोलते हुए कहीं।    उन्होंने अंग्रेजी पढ़ाने में रचनात्मक क्षमता का अपना मॉडल प्रस्तुत किया। रचनात्मकता के व्यापक स्पेक्ट्रम के तहत महत्वपूर्ण सोच के साथ प्रासंगिक संचार और संबंधित सृजन अंग्रेजी शिक्षकों को वर्तमान वैश्विक आकांक्षाओं में बेहतर पेशेवरों के रूप में विकसित कर सकता है। अब समय आ गया है जब हमें पश्चिमी मॉडलों के एकाधिकार को तोड़ना चाहिए, और अपने उदाहरणों को अपने परिवेश में प्रासंगिक बनाना चाहिए, चाहे वह किसी भी सांस्कृतिक व्यवस्था में हो। भाषा शिक्षण अंतःविषयकता की गारंटी देता है, जो कि सर्व समावेशी है। 

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