गोरखपुर पांच दिनों के अंदर पिता ने उठाई दो जवान बेटों की अर्थी, बोले- भगवान किसी को ना दिखाए ये दिन

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गोरखपुर डी के यू हिंदी दैनिक अक्षय विश्वकर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना ने दो जवान बेटों को छीन लिया। बूढें बाप ने पांच दिन के अंदर दोनों बेटों की अर्थी अपने कंधे पर उठाई। यह देखकर पूरा गांव रो पड़ा। अब बुजुर्ग पिता के ऊपर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई है। इस घटना के बाद से लोगों में कोरोना का भय साफ दिख रहा है। बहुओं और बच्चों की सिसकियां सुनकर हर किसी की आंखे नम हो जा रही हैं। यह मामला सहजनवां थाना क्षेत्र के गोविन्दपुर द्वितीय गांव की है। यहां सिद्धू के दो बेटे थे, बड़ा बेटा राकेश (36) छोटा राजेश (32) साल का था। बताया जा रहा है कि पिछले साल सितंबर में राकेश कोलकता कमाने गया था, वहां वह पेंट पॉलिश का काम करता था। वहीं छोटे भाई राजेश अपने पिता के साथ घर पर खेती का काम करता था।
इस बीच कोरोना ने सभी का काम धंधा चौपट कर दिया। ऐसे में राकेश को भी घरवापसी करनी पड़ी। वह 30 अप्रैल 2021 को अपने घर लौट आया। इसके अगले ही दिन एक मई को अचानक राकेश को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। परिजनों ने उसे तत्काल सीएचसी ठर्रापार ले गए। वहां से डाक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
परिजन अभी उसे अस्पताल लेकर पहुंचे ही थे कि तत्काल ऑक्सीजन न मिलने के कारण राकेश ने दम तोड़ दिया। बड़े भाई की मौत के बाद छोटे भाई ने अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया पूरी कराई, इस बीच उसे भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया।
पांच मई को राजेश की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। परिजन जब तक उसे अस्पताल ले जाते, उसने घर पर ही दम तोड़ दिया। एक ही घर में पांच दिन के अंदर दो जवान बेटों की मौत से पूरे गांव सन्न रह गया। दोनों बेटों की मौत के बाद पिता सिद्धू पूरी तरह टूट गए। वह बार-बार रोते हुए बस यही बोल रहे हैं कि भगवान किसी को भी ऐसा दिन ना दिखाए।
अब 60 वर्ष की उम्र में दोनों बेटों के परिजनों की जिम्मेदारी बुजुर्ग पिता के कंधे पर आ गई है। राकेश के दो बच्चे विवेक (16) और हिमांशु (13) हैं। वहीं राजेश के तीन बच्चे उमा (7), सन्नी (5) और अंजली (2) हैं

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