श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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18अगस्त – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

पुरुष नपुंसक नारि वा
जीव चराचर कोइ ।
सर्ब भाव भज कपट तजि
मोहि परम प्रिय सोइ ।।
( उत्तरकांड, दो. 87)

राम राम 🙏🙏काकभुसुंडि जी ने राम जी से उनकी विशुद्ध व अनन्य भक्ति माँगी है । राम जी ने कहा कि ऐसा ही हो । आगे राम जी अपना सिद्धांत सुनाते हुए काकभुसुंडि जी से कहते हैं कि पुरूष हो , नपुंसक हो , स्त्री हो या चर अचर कोई जीव हो , जो कपट छोड़कर मुझे भजता है वह मुझे परम प्रिय होता है ।
राम प्रियता चाहते हैं तो राम जी का सिद्धांत जानें । कपट छल छोड़कर राम भजन करने वाला कोई भी हो , राम जी की प्रियता पाएगा । अतएव छल छोड़ राम भजें , राम प्रिय बनें ।निर्मल मन जन सो मोहि पावा , राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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