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डिजिटल युग में वेब पोर्टल पर निरंतर खबरों को देने का है दबाव – कुमार श्रीकांत
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग एवं आइक्यूएसी सेल के संयुक्त तत्वावधान में चल रही कार्यशाला के चौथे दिन जनसंपर्क के बदलते आयाम एवं डिजिटल दौर की पत्रकारिता, आवश्यकता एवं सावधानियां विषयक सत्रों का आयोजन किया गया।
फकीर मोहन विश्वविद्यालय उड़ीसा के पत्रकारिता विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर स्मिति पाढ़ी ने जनसंपर्क के बदलते आयाम विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जन संपर्क क्षेत्र में झूठ का स्थान नहीं है। सकारात्मक पहलुओं के साथ जनता से जुड़े और संस्थान की छवि के निर्माण में अपनी भूमिका अदा करें।
उन्होंने कहा कि देश में सांस्कृतिक विविधता होने के बावजूद महात्मा गांधी ने अपनी तत्कालीन जनसंपर्क तकनीकी से सभी वर्गों को एक साथ जोड़ा। उनकी तकनीकी को आज विश्व के तमाम देश अपना कर जनमानस से जुड़ रहे है।
उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया जनसंपर्क के उपकरण के रूप में तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है जनसंपर्क अधिकारियों को सोशल मीडिया पर आने वाली टिप्पणियों को विश्लेषित कर सुधार करना चाहिए। उन्होंने जनसंपर्क की आधुनिक तकनीकों पर भी विस्तार से चर्चा की।
इसी क्रम में दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार कुमार श्रीकांत ने डिजिटल दौर की पत्रकारिता पर कहा कि वेब पत्रकारों को पत्रकारिता की नीति, नियम और मापदंडों का पालन करना चाहिए. डिजिटल युग में वेब पोर्टल पर निरंतर खबरों देने का दबाव है ऐसे में और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे प्रिंट मीडिया के संस्थान 24 घंटे डिजिटल मीडिया पर सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम पर संदेशों को लिखते समय विशेष ध्यान देने की जरूरत है यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि वह जो लिख रहे हैं वह लोगों को कितना पसंद आएगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील कुमार, स्वागत संयोजक डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर प्रो संजीव भानावत, प्रो मानस पांडेय,डॉ विजय तिवारी, डॉ अवध बिहारी सिंह,डॉ हिमानी सिंह, डॉ सुनील गुप्त,डॉ रश्मि गुप्ता समेत विभिन्न प्रदेशों के प्रतिभागी मौजूद रहे।