प्रदेश सरकार से शहीद कारसेवकों के लिए नौकरी, आवास के साथ की मांग

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अयोध्या(संवाददाता) सुरेंद्र कुमार गौतम। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के द्वारा शहीद कारसेवकों के नाम पर सड़क बनाये जाने की घोषणा पर संतों ने नाराजगी व्यक्त की है। उनके मुताबिक शहीद कारसेवकों की परिजन की स्थिति दयनीय है इसलिए उनके नाम पर सड़के नहीं आर्थिक सहयोग दें जिससे इनका परिवार चल सके। शहीद कारसेवकों के परिजनों के लिए संत ने मांगउठाई है।अयोध्या में 70 वर्षों से चल रहे राम मंदिर विवाद समाप्त होने के साथ मंदिर का निर्माण शुरू होता है। तो वहीं अब अयोध्या का विकास भी तेजी से शुरू कर दिया गया है लेकिन जिस मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करने वाले कारसेवकों ने बलिदान दिया उनके परिजन भुखमरी के कगार पर हैं क्योंकि परिवार चलाने वाले ही राम मंदिर के लिए अपने आप को शहीद कर दिए हैं जिसको लेकर अब संत समाज आगे आ रहे हैं। अयोध्या नया घाट स्थित खड़ेश्वरी मंदिर के महंत दिलीप दास त्यागी ने आज 1990 में आंदोलन के दौरान शहीद हुए कारसेवक वासुदेव मौर्या, राजेन्द्र धरकार व 5 जुलाई 2005 में आतंकी हमले में मारे गए रमेश पांडेय, शांति देवी के परिजनों को 5100 रुपये की आर्थिक सहायता दिया।
शहीद कारसेवकों को नौकरी व आवास की सुविधाएं मिलनी चाहिए।
रघुवंश संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष व खड़ेश्वरी मंदिर के महंत दिलीप दास ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोग देश कि सरहद पर शहीद हुए लोगों से उनकी आस्था कम नहीं है राम मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए लोगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है उनका संपूर्ण परिवार उपेक्षित है रघुवर संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत दिलीप दास ने कहा कि हम सरकार से यह अपील करते हैं कि जिस तरह शहीदों की व्यवस्थाएं की जाती हैं उसी तर्ज पर राम जन्मभूमि आंदोलन में या आतंकी हमले में शहीद हुए परिजनों को भी राहत दी जाए उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी रहने के लिए आवास की व्यवस्था और 51लाख की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।

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