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उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा के विकास पर दिया जोर
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आगामी वित्तीय वर्ष के बजट की तैयारी और विभागीय योजनाओं की प्रगति को लेकर अपने कार्यालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को विभिन्न विषयों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि बजट प्रस्ताव तैयार करते समय छात्रों और शिक्षकों के हितों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही शिक्षा में नई तकनीकों का उपयोग बढ़ाने और डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
बैठक में उच्च शिक्षा में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं पर चर्चा हुई। मंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए विशेष फंड का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि शोध और नवाचार के बिना शिक्षा का उद्देश्य अधूरा है। हमें युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना है।
बैठक में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि सभी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनईपी को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाए, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिल सकें।
मंत्री ने बैठक के अंत में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं में देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल, विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी, शिबू गिरी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।