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हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान
सार्वजनिक मार्ग के ऊपर बनाए गए अवैध ओवर ब्रिज को गिराने की विधिक प्रक्रिया शुरू
याची ने अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में फाइल करायी थी याचिका
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लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्ड पीठ ने जनपद अमेठी के टीकरमाफ़ी ग्राम पंचायत में सार्वजनिक मार्ग के ऊपर बनाए गए अवैध ओवर ब्रिज को 90 दिन के अन्दर हटवाने के लिए एसडीएम अमेठी को आदेश निर्गत किया हैं।
मा. उच्च न्यायालय लखनऊ ने एसडीएम अमेठी को तलब किया था।4 दिसंबर तक सार्वजनिक मार्ग से ओवरब्रिज हटाने का दिया था आदेश ओवरब्रिज न हटवाने के स्थिति में न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर एसडीएम को शपथ पत्र देना था।ग्राम पंचायत टीकरमाफी मे आबादी की भूमि गाटा संख्या 1419 पर ग्राम निधि द्वारा आम जन की सुविधाओ को ध्यान में रखते हुए 2018-2019 मे इंटरलाकिंग मार्ग का निर्माण कराया गया जिस पर पूर्व में ईंट का खंडजा ग्राम निधि के पैसे से निर्मित था।इस मार्ग के ऊपर गाँव के ही गया प्रसाद बरनवाल द्वारा अस्थायी उपकरणों से ओवर ब्रिज का निर्माण कर लिया गया है।अवैध निर्मित ओवर ब्रिज से आवागमन मे असुविधा पर गाँव के ही जीत लाल द्वारा अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह के माध्यम से उच्च न्यायालय लखनऊ में पीआईएल (याचिका) दाखिल किया जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने उप जिलाधिकारी अमेठी को आदेशित किया कि एक सप्ताह के भीतर अवैध ओवर ब्रिज को हटवाये या नियत तिथि 4 दिसंबर को न्यायालय में शपथ पत्र के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर होने वाली कार्यवाही से अवगत कराए
उप जिलाधिकारी अमेठी ने शपथ पत्र दाखिल करते हुए माननीय उच्च न्यायालय में बताया कि इस वाद से सम्बन्धित एक वाद ग्राम टीकरमाफी के निवासी हरिश्चंद्र गुप्ता द्वारा बीएनएसएस की धारा 152 के तहत अवैध ओवर ब्रिज को गिराने के लिए दाखिल किया है जिसकी सुनवाई तिथि 16 दिसम्बर 2024 को नियत की गयी है।जिस पर मा.उच्च न्यायालय ने उप जिलाधिकारी अमेठी को आदेशित किया कि आज के आदेश की प्रमाणित प्रति जारी होने के 90 दिनों के भीतर विधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए वाद का निस्तारण कर सार्वजानिक मार्ग के ऊपर बनाए गए अवैध ओवर ब्रिज को हटाए।याची के अधिवक्ता अभीष्ट विक्रम सिंह ने बताया कि सार्वजानिक मार्ग के ऊपर बिना विधिक अनुमति के ओवर ब्रिज बनाना पूर्णतया अवैध है।मा. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार याची जीत लाल के पक्ष से उप जिलाधिकारी अमेठी के न्यायालय में समस्त साक्ष्यों के साथ मा. उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दाखिल किया गया है।