श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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23 दिसंबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू ।
आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ।।
सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।
जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं ।।
( सुंदरकांड 43/1)
राम राम 🙏🙏
विभीषण राम जी के शरण में आए हैं, सुग्रीव उनके आने पर संदेह प्रकट करते हैं । राम जी उन्हें समझाते हुए कहते हैं कि जिसे करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या का दोष लगा हो , शरण में आने पर उसे भी मैं नहीं त्यागता हूँ । जीव जब मेरे सम्मुख होता है , त्यों ही उसके करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं ।
यदि आप अपने जन्म जन्म के पापों से मुक्ति चाहते हैं, पूर्णतः निष्पाप होना चाहते हैं तो अभी जहाँ हैं , वह सब छोड़कर राम जी के पास चले आइए , रामयुक्त होकर पापमुक्त हो जाएँगे । अथ ! चल राम शरण , चल चल राम शरण 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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