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अयाेध्या (संवाददाता) सुरेंद्र कुमार। अयोध्या सोहावल क्षेत्र से विगत 4 जुलाई को मेडिकल स्टोर संचालक विजय सिंह को जबरन हवालात में डाल फर्जी मुकदमे के जरिए जेल भेजने की धमकी देकर उनसे लगभग दो लाख ब्लैकमेल कर वसूलने वाले रौनाही थाने के दोनों सिपाही मनोज यादव व सौरभ सिंह को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडेय ने निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करा दी है। ज्ञातव्य हो कि सोहावल चौराहा पर विश्वास मेडिकल स्टोर के नाम से दवा की दुकान चलाने वाले विजय कुमार सिंह स्थानीय भुलई का पुरवा गांव में शाम को अपने एक मित्र के यहां निमंत्रण पर गए थे वहीं पर पहले से मौजूद उनके परिचित साबिर नामक व्यक्ति एक महिला के साथ मौजूद था साबिर ने विजय सिंह से सोहावल चौराहा तक अपनी कार में दोनों को साथ ले चलने का अनुरोध किया। रास्ते में नहर पुल के पास उक्त दोनों सिपाही जो कि सादी वर्दी में थे स्विफ्ट डिजायर कार पर सवार थे विजय सिंह की गाड़ी को रोका तथा महिला कौन है तथा क्यों इसको साथ लिए हो इसकी पूछताछ करने लगे मजे की बात यह है जिस साबिर के कहने पर विजय सिंह ने महिला को बैठाया था उसी साबिर ने महिला के बारे में जानने से इंकार कर दिया। इस बात पर सिपाहियों ने विजय सिंह को लाकर हवालात में डाल दिया तथा 4 लाख रुपयों की मांग की नहीं तो फर्जी केस में जेल भेजने की धमकी दी विजय सिंह के इंकार करने पर उक्त सिपाहियों ने उनको रात भर हवालात में बैठाए रखा मजबूरन अपने कई मित्रों से फोन के जरिए विजय सिंह ने हवालात में पैसा मंगवाया तथा एक लाख 80 हजार रुपए सिपाहियों को दिया तब जाकर उन्हें मुक्ति मिली। हवालात से छूटने के बाद भुक्तभोगी विजय ने लगभग एक पखवाड़े तक पुलिस अधिकारियों के चौखट पर दस्तक दी पर उनका पैसा अभी तक नहीं लौटाया गया। ना ही उक्त दोनों सिपाहियों के खिलाफ रपट दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया। दैनिक जागरण में समाचार छपते ही उक्त दोनों सिपाहियों को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया। भुक्तभोगी विजय सिंह ने बताया एसएसपी के सामने एसपी ग्रामीण व सीओ सदर ने 12 लोगों के बयान दर्ज करवाएं। इनमें दोनों सिपाही साबिर भुक्तभोगी व उनके मित्र गण हैं। जिन से मांग कर विजय सिंह ने पैसे दिए थे। अधिकारियों का कहना है की प्रथम दृष्टया आरोप सत्य प्रतीत होता है। भुक्तभोगी विजय कुमार सिंह ने बताया की पुलिस अधिकारियों ने अभी तक मेरा पैसा वापस नहीं दिलवाया और ना ही उक्त दोनों पुलिसकर्मियों को जेल भेजा है। यदि शीघ्र ही ऐसा नहीं किया गया तो मैं अदालत जाने को मजबूर हूंगा। इस बारे में एसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया की जांच के शुरुआती दौर में दोनों पुलिसकर्मियों की इस प्रकरण में संलिप्तता पाई गई है। इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया अब विस्तृत विभागीय जांच बैठाई गई है। जांच में यदि दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ रपट दर्ज कर उन्हें जेल भी भेजा जाएगा।