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अयोध्या (राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)। उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव समय नजदीक आता देख प्रमुख दल इस बार ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए ब्राम्हण कार्ड खेलने की तैयारी में जुट हुए हैं।ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा व बीएसपी की तेज होती मुहिम के बीच अब सपा भी कूद पड़ी है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी सपा प्रदेश के जिलो में अब ब्राम्हण सम्मेलन करेगी।सपा का कहना है कि सरकार बनने पर परशुराम जयंती पर अवकाश फिर से घोषित किया जाएगा। सपा प्रमुख ने पांच प्रमुख ब्राह्मण नेताओं के साथ लंबी बैठक कर इस मुद्दे पर रणनीति बनाई है और इन नेताओं को सक्रिय होने का निर्देश दिया। बैठक में यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय, अभिषेक मिश्र, पूर्व विधायक सनातन पांडेय व संतोष पांडेय शामिल हुए और इन नेताओं की कमेटी बन गई है और यह कमेटी अब आगे की रणनीति बनाने के साथ ही दौरा कर ब्राह्मण समाज को जोड़ने का काम करेगी।बैठक में निर्धारित हुआ कि पहला ब्राम्हण सम्मेलन बलिया में किया जाए। इन सम्मेलनों में बताया जाएगा कि कैसे सपा सरकार में हर वर्ग का ख्याल रखा गया जबकि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न हो रहा है। पार्टी जल्द अन्य ब्राह्मण नेताओं को भी सक्रिय कर आगे करेगी। सपा सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री रहे मनोज पांडेय का कहना है कि उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री यादव के निर्देश पर स्वर्ण यात्र योजना शुरू की थी। जिसमें तीर्थस्थलों की यात्रा निशुल्क करवाई जाती थी। माना जा रहा है कि सपा अब ब्राह्मणों को लुभाने के लिए नए सिरे से रणनीति बना रही है।पार्टी ने तय किया है कि उसकी सरकार में संस्कृत विद्यालयों के उत्थान के लिए जो काम किए वह बताए जाएंगे। अभिषेक मिश्र ने ट्वीट कर कहा ‘उत्तर प्रदेश में आने वाले वक्त के लिए आज का दिन एक नई शुरूआत लेकर आएगा।श्रावण मास के प्रथम दिन भोलेनाथ की विशेष कृपा हम सब पर हुई है।