Getting your Trinity Audio player ready...
|
विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित महाराष्ट्र का रोडमैप तय करने वाला बजट – उपमुख्यमंत्री अजित पवार
बिपिन गुप्ता/महाराष्ट्र
मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में ले जाने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र ने भी इसके लिए कमर कस ली है। इसका प्रतिबिम्ब राज्य के बजट में अवश्य दिखाई देता है। यह बजट विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित महाराष्ट्र का रोडमैप निर्धारित करता है। यह कहना है उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार का जिन्होंने सोमवार को विधानसभा में 2025-26 के बजट पर कई दिनों तक चली चर्चा के अपने जवाब में यह भी विश्वास व्यक्त किया कि बजट में महाराष्ट्र के संतुलित विकास को प्राप्त करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है। महाराष्ट्र ने लंबे समय से देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उपमुख्यमंत्री पवार ने यह भी आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में पीछे नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमने इस बजट के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का ईमानदार प्रयास किया है कि महाराष्ट्र किसी भी अन्य की तुलना में इसमें अधिक योगदान दे। उन्होंने यह भी कहा कि यही कारण है कि “विकसित भारत, विकसित महाराष्ट्र” इस बजट का मूल विषय है।
पिछली योजनाओं के संबंध में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। जो योजनाएं पुरानी हो जाती हैं उन्हें बंद करना पड़ता है। हमने कोविड के दौरान कुछ योजनाएं और रियायतें शुरू की हैं। कोविड समाप्त होने के बाद उन्हें बंद करना पड़ा। कभी-कभी, केन्द्र सरकार एक नई योजना लेकर आती है जो राज्य योजना के समान लाभ प्रदान करती है। हम योजना के दोहराव से बचने और राज्य के खर्च को बचाने के लिए अपनी योजना को बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की व्यय प्राथमिकताएं आवश्यकताओं के अनुसार बदलती रहती हैं। इस समय, एक विकसित देश और एक विकसित महाराष्ट्र के लिए, पांच प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता थी, कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचा, रोजगार और समाज के सभी वर्गों के लिए विकासात्मक योजनाएं। इस बजट में इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने का प्रयास किया गया है। सरकार राज्य की परिवहन सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रही है और आगे भी देती रहेगी।
यदि सड़क नेटवर्क का विस्तार किया जाए तो कंपनियों की उत्पादकता बढ़ेगी, किसानों की परिवहन लागत कम होगी, राज्य और देश को ईंधन पर विदेशी मुद्रा की बचत होगी तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उपमुख्यमंत्री पवार ने यह भी कहा कि बजट में सड़क निर्माण के लिए प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।
जिस अमृतकाल राज्य सड़क विकास योजना 2025 से 2047 का उल्लेख किया गया है, वह इसी विचार पर आधारित है।
कृषि विकास दर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2023-24 में कृषि की वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत होगी। सरकार ने किसानों को आर्थिक मजबूती दी है, जिसके कारण 2024-25 में कृषि विकास दर बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई है। कृषि क्षेत्र में एआई तकनीक, जलयुक्त शिवार, एक तालुका एक बाजार, सिंचाई के लिए नदी जोड़ो परियोजना, महाराष्ट्र सिंचाई सुधार कार्यक्रम, बांस की खेती, मराठवाड़ा में किसानों के लिए मराठवाड़ा जल ग्रिड जैसे कार्यक्रमों के लिए प्रावधान किए गए हैं। किसानों को आधुनिकता अपनानी चाहिए। लेकिन यह सुविधा बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।
इसलिए हम फसल नियोजन संबंधी सलाह देने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए एआई प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देंगे।
हम अगले दो वर्षों में इसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। एआई तकनीक (कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग) आने वाले वर्षों में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करेगी और महाराष्ट्र के किसानों को समृद्ध बनाएगी।
राज्य में 45 लाख कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। कोरोना के दौरान सभी सेक्टरों का प्रदर्शन खराब हो गया था। केवल कृषि क्षेत्र ने ही राज्य को बचाया था। कृषि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसलिए इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 9,700 करोड़ रुपए का बड़ा प्रावधान किया गया है।
उद्योग के विकास के लिए राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। आज राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है।
दावोस में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से आने वाले समय में महाराष्ट्र में 15 लाख 72 हजार 654 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 16 लाख नौकरियां पैदा होंगी। सरकार “मेक इन महाराष्ट्र” के माध्यम से निवेश आकर्षित करने के लिए नई औद्योगिक नीति लाने जा रही है। निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों के बीच काफी प्रतिस्पर्धा है। बहुत सी चीजें बदल गई हैं। इस औद्योगिक नीति में आधुनिकता की खोज सहित कई चीजें शामिल होंगी।
इसलिए अगले पांच वर्षों में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 5 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में स्टार्टअप की संख्या बड़ी है। केंद्र और राज्य भी इन्हें मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में
1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पूरी करने का लक्ष रखा है।
महाराष्ट्र की जीएसडीपी (सकल राज्य उत्पाद) वृद्धि दर औसतन बारह प्रतिशत के आसपास है। पिछले पांच वर्षों में इसमें 23 लाख करोड़ की वृद्धि हुई है।