पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आदेशों की हो रही अनदेखी

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आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों का दाखिला फंसा

10 फीसद वृद्धि की सीटों पर नहीं हो पा रहा है प्रवेश

 जौनपुर

देश की उपासना

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन की अनदेखी के चलते आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का दाखिला फंसा हुआ है। कुलसचिव के आदेश के बावजूद 10 फीसद आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का दाखिला नहीं लिया जा रहा है।क्योंकि विश्वविद्यालय में ही जिम्मेदार लोगों द्वारा आदेश को अमल में नहीं लाया गया।इस लापरवाही के चलते अभ्यर्थी परेशान हैं।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय कुलसचिव महेंद्र कुमार ने आठ फरवरी को विश्वविद्यालय से संबद्ध समस्त प्राचार्य/प्राचार्या एवं विभागाध्यक्ष को सूचित करते हुए एक पत्र जारी किया था कि प्रवेश समिति की बैठक 23 सितंबर 2021 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)के छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में स्वीकृत सीटों के अतिरिक्त 10 फीसद सीटों पर प्रवेश हेतु आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर समिति द्वारा लिया गया निर्णय लिया गया था।अतिरिक्त 10 फीसद सीटों पर प्रवेश हेतु आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी शासनादेश 31 अगस्त को 2020 को यथावत लागू किए जाने की स्वीकृत प्रदान की गई तथा जिन पाठ्यक्रमों में अन्य नियामक संस्थाओं द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है। उनमें नियामक संस्थाओं द्वारा उक्त की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही स्वीकृत सीटों के सापेक्ष में 10 फीसद अतिरिक्त सीटें प्रवेश हेतु अनुमन्य होगी। कुलसचिव ने इस आदेश को समाचार पत्रों के साथ साथ विश्वविद्यालय की वेबसाइट एवं सूचना पट पर चस्पा करने का आदेश दिया था। लेकिन कुलसचिव के आदेश को विश्वविद्यालय के जिम्मेदार लोगों द्वारा एक सप्ताह बाद भी अमल में नहीं लाया गया। जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का प्रवेश नहीं हो पा रहा है। क्योंकि अतरिक्त सीटों के लिए वेबसाइट नहीं खुलने से महाविद्यालय संचालकों ने (ईडब्ल्यूएस) की सीटों पर प्रवेश से इनकार कर दिया है। विश्वविद्यालय की इस लापरवाही से अभ्यर्थी परेशान हैं।

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