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पत्रकार गोरखपुर डी के यू गोला ब्यूरो अक्षय विश्वकर्मा : गोरखपुर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। इसे लेकर इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी की स्थापना कर दी गई है। तीन ट्रेड में बीटेक के साथ इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत होने जा रही है। शुरुआत के लिए इलेक्ट्रानिक्टस एंड कम्युनिकेशन, इन्फार्मेशन टेक्नालाजी और कंप्यूटर इंजीनियरिंग ट्रेड का चयन कर लिया गया है। इसका संचालन अगले सत्र से शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी बीटेक शुरू करने की योजना है। इसे लेकर भी शासन की अनुमति मिल चुकी है।
सेल्फ फाइनेंस मोड में चलेगी पूरी फैकेल्टी
इंस्टीट्यूट के संचालन के लिए समन्वयक का नाम भी तय कर लिया गया है।विज्ञान संकाय के डीन प्रो. शांतनु रस्तोगी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित विभाग से एक-एक शिक्षक सह-समन्वयक बनाए जाएंगे, जो समन्वयक का सहयोग करेंगे। पूरी इंजीनियरिंग फेकेल्टी सेल्फ फाइनेंस मोड में चलाई जाएगी।
विश्वविद्यालय में पहले से चलने वाले एमबीए, बीबीए, एमसीए और एमएससी इलेक्ट्रानिक्स पाठ्यक्रम को भी इसी विभाग से संचालित किया जाएगा। इसके लिए अशंकालिक शिक्षक के तौर पर 14 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी। वेतन सातवें वेतनमान के हिसाब से दिया जाएगा। शिक्षण कार्य के विश्वविद्यालय के भौतिक, रसायन और गणित विभाग के शिक्षकों की भी मदद ली जाएगी।
हर ट्रेंड के लिए होंगी साठ सीटें
बीटेक कोर्स शुरू करने के लिए चिन्हित सभी तीनों ट्रेड में 60-60 सीटें होंगी। यानी कुछ 180 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया आयोजित होगी। 50 फीसद सीटों पर यूपीटीयू की मेरिट से प्रवेश लिए जाएंगी जबकि 50 फीसद सीटों के लिए परीक्षा कराई जाएगी।
जून-जुलाई में हो सकती है प्रवेश परीक्षा
नए सत्र में बीटेक के साथ-साथ बीएससी(एजी) व एमएससी(एजी) में भी प्रवेश लिया जाएगा। इसके लिए एडमिशन का नोटिफिकेशन 15 मई तक जारी हो जाएगा। कोविड संक्रमण को देखते हुए प्रवेश परीक्षा का आयोजन जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में करने की योजना है। एग्रीकल्चर के लिए 18 और इंजीनियरिंग के लिए 14 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का दायरा बढ़ाने के लिए बीटेक पाठ्यक्रम को भी शुरू किया जा रहा है। इससे पूर्वांचल सहित समूचे उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग करने का एक और बेहतर विकल्प मिल जाएगा
बहुत सुंदर, काफी बच्चों को लाभ मिलेगा।
अति उत्तम