यूक्रेन में फंसे हैं जौनपुर के सात विद्यार्थी, परिजन हो रहे हैं परेशान

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जौनपुर।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। इसमें जनपद से सात विद्यार्थियों का नाम सामने आ रहा है। इनके परिवार के लोग परेशान हैं। वह वहां के हर हालात पर नजर लगाए हुए हैं। अपने बच्चों से फोन पर बातचीत कर हालात की जानकारी ले रहे हैं। सभी ने सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई है।

खेतासराय के शाहापुर गांव निवासी डॉक्टर गजेंद्र पांडेय की पुत्री गरिमा पांडेय यूक्रेन के डेनिप्रो यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष की छात्रा है। पिता ने बताया कि गरिमा ने तीन मार्च को भारत आने का टिकट कराया था। लेकिन, बृहस्पतिवार की सुबह 8 बजे बात हुई तो पता चला की रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। इस कारण ज्यादातर एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। पिता गजेंद्र पांडेय ने भारत सरकार से बेटी समेत अन्य भारतीय छात्र-छात्राओं को सुरक्षित लाने की मांग की है। गरिमा ने अपने पिता को बताया कि हमें अपने कमरे में ही रहने और दूतावास से संपर्क में रहने को कहा गया है। एटीएम और खाने पीने की सामग्री की दुकानों पर मारामारी की स्थिति है। उसने बताया कि उसके अलावा लाइन बाजार इलाके के आयुष कुमार और शाहगंज के विनय कुमार भी हैं। हालांकि इस समय उसकी उनसे संपर्क नहीं है।

वहीं, शहर कोतवाली क्षेत्र के ताड़तड़ा निवासी संजय वर्मा का बेटा निखिल वर्मा भी यूक्रेन में फंसा है। निखिल के बड़े पिता सुशील कुमार स्वामी ने बताया कि निखिल वहां एमबीबीएस चुतर्थ वर्ष का छात्र है। शाम को चार बजे परिवार के लोगों की निखिल से बात हुई। वह बता रहा था कि एटीएम से रुपये नहीं निकाल पा रहा है। वहीं, जफराबाद थाना क्षेत्र के नाथूपुर अहमदपुर निवासी डा. वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि उनका बेटा सौरभ कुमार यादव यूक्रेन के बीनिशिया शहर में फंसा है। वहां बीनिशीय मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का छात्र है। 27 फरवरी को वापस भारत आने का टिकट था, लेकिन युद्ध संकट को देखते हुए वहां की सरकार ने टिकट कैंसिल करने करने का आदेश दे दिया है। फोन पर हुई बातचीत के दौरान सौरभ ने बताया कि यूक्रेन के क्यू शहर में हमला हुआ है, जो हमारी यूनिवर्सिटी से 300 किलोमीटर दूर है। यहां अभी किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। खाने-पीने की सामग्री खरीदने में कुछ समस्या हो रही है। बताया कि भदोही की भी एक छात्रा यही फंसी हुई है, जो हमारे साथ ही भारत आने वाली थी।

खुटहन थाना क्षेत्र के शहब्दीपुर गांव निवासी अंकेश यादव पुत्र कृष्ण कुमार और उज्जवल यादव पुत्र उमेश चंद्र यादव दोनों चचेरे भाई हैं। यूक्रेन में रहकर दोनों एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों भाई बीते 25 सितंबर को घर आये थे। यहां से पुन: 31 सितंबर को यूक्रेन चले गए। स्वजनों ने बताया कि वहां की बोगोमलेश नेशनल मेडिकल युनिवर्सिटी में वे चतुर्थ सेमेस्टर की तैयारी कर रहे हैं। उमेश चंद्र ने बताया कि फोन से बात हुई है। छात्रों ने बताया कि अभी आमआवाम को खतरा नहीं है हम लोग सुरक्षित हैं।

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