यूक्रेन-रूस युद्ध से बढ़ सकती है एथनॉल की मांग, आपूर्ति की तैयारियों में जुटी शुगर लॉबी

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यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते पेट्रोल के दामों उछाल आने की आशंका है। ऐसे में पेट्रोल में एथनॉल की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। लिहाजा एथनॉल की मांग बढ़ेगी। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश की शुगर लॉबी भी युद्ध से पैदा हुए हालात का विश्लेषण करते हुए एथनॉल आपूर्ति की तैयारियों में लग गई है।

उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के दाम सौ डालर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं। दो मार्च 2021 को क्रूड ऑयल 63 डॉलर प्रति बैरल था, जो एक मार्च 2022 को दाम 101.84 डॉलर हो गया। इससे एक माह पहले एक फरवरी 2022 को 89 डालर प्रति बैरल था। माना जा रहा है कि इसका असर भारत में भी पड़ने जा रहा है। भले ही अभी दाम न बढ़ रहे हों, पर इनमें जल्द ही इजाफा हो सकता है।

शुगर लॉबी को लग रहा है कि पेट्रोल के दामों भी बढ़ोतरी होने जा रही है, जो लंबी चलेगी। प्रदेश की 56 निजी मिलों में लगी डिस्टलरियां एथनॉल बनाती हैं। इसके लिए चार चीनी संघ की फैक्टरियां भी अभी चालू की गई हैं। निजी मिलों की बात करें तो वर्ष 2020-2021 के सत्र में 99.31 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन किया गया। चालू सत्र में अब तक 11.34 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की जा चुकी है।

दरअसल शुगर लॉबी का मानना है कि अब जैसे ही पेट्रोल के दाम बढेंगे तो सरकार पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण की प्रतिशतता और बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है। सरकार इस समय 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने की बात कह रही है। पर, कहा जा रहा है कि इसे 20 प्रतिशत तक ले जाया जाए। अगर पेट्रोल में यह प्रतिशतता बढ़ी तो निश्चित रूप से यूपी की शुगर इंडस्ट्री को भारी लाभ होगा।

यूपी शुगर मिल एसोसिएशन के महासचिव दीपक गुप्तारा कहते हैं कि हमारा पूरा प्रयास है कि पेट्रोलियम कंपनियां जितना भी एथनॉल मांगेगी, उन्हें समय से दे दिया जाए। इसके लिए भविष्य की सभी संभावनाओं का अध्ययन कर रहे हैं और तैयार हैं।

ये हैं कीमतें

डिस्टलरियां तीन प्रकार से एथनॉल बनाती हैं। एक विशुद्ध गन्ने का रस यानी शुगर सीरप से बनता है। इसका रेट 63.45 रुपये प्रति लीटर है। दूसरा बी हैवी मोलाइसिस (ऐसा शुगर सीरप, जिसमें थोड़ी शुगर रह जाए) से बने एथनॉल का 59.08 रुपये प्रति लीटर और सी हैवी मोलाइसिस (जिसमें बिल्कुल शुगर न हो) से बने एथनॉल का रेट 46.66 रुपये प्रति लीटर है।

पर पेंच भी कम नहीं
सरकार भले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण की बात करती हो, पर यूपी में अभी यह प्रतिशतता भी पूरी नहीं हो पाई है। अपर मुख्य सचिव चीनी एवं गन्ना संजय आर भूसरेड्डी कहते हैं कि वैसे तो इस लक्ष्य को अधिकतम 30 प्रतिशत तक ले जाया जा सकता है, लेकिन पहले 10 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा करना है। अभी मिश्रण का ओवरऑल औसत 8.1 प्रतिशत आ रहा है। हमारा लक्ष्य इस साल 160 करोड़ लीटर एथनॉल बनाना है।

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