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सार
आईपीएस विश्वजीत महापात्रा ने बताया कि कैब सर्च के दौरान उन्हें नाम, पता, मोबाइल नंबर और आने-जाने वाली जगह का विवरण भरने को कहा गया। इसे भरने के कुछ देर बाद एक कॉल आयी।
विस्तार
सीनियर आईपीएस विश्वजीत महापात्रा मौजूदा समय में डीजी नागरिक सुरक्षा हैं। वह एडीजी बनारस जोन के बाद डीजी फायर सर्विस के तौर पर पोस्टिंग पाकर लखनऊ आए हैं। उनके मुताबिक आठ फरवरी को उन्होंने कैब सर्च किया था। इसमें उन्हें नाम, पता, मोबाइल नंबर और आने-जाने वाली जगह का विवरण भरने को कहा गया। इसे भरने के कुछ देर बाद उन्हें एक कॉल आयी। कॉल करने वाले ने कैब बुकिंग कन्फर्म करने के लिए सौ रुपए जमा करने को कहा। उसने एक लिंक भेजा और इसके जरिए भुगतान करने को कहा। काफी प्रयास के बाद भी इस पर भुगतान नहीं हो पाया।
लिंक से भुगतान न होने पर उसी कर्मचारी ने दूसरा लिंक भेजकर एक एप डाउनलोड करने को कहा। साथ ही बताया कि इस एप के जरिए किस तरह रुपये जमा करने हैं। महापात्रा ने जैसे ही एप डाउनलोड करके इसे खोला थोड़ी देर बाद उनके खाते से 50 हजार रुपए निकलने का मैसेज आ गया। इसके साथ ही कॉल करने वाले का नम्बर भी बंद हो गया। ठगी का एहसास होने पर अधिकारी ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर सेल की रिपोर्ट पर गोमतीनगर थाने में केस दर्ज किया गया ।