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प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इसमें एक जगह से हाथी के दांत का बना लटकन मिला है। जिसे उस समय महिलाएं पहनती थी। इसके अलावा काले, धूसर एवं चमकीले लाल प्रकार के बर्तनों के टुकड़े भी मिले। मंदिर की खत्ती में संरचनाओं की रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी का कार्य चलता रहा।
शिव मंदिर में जल निकासी के लिए नाली की भी मिली जानकारी
बभनियांव में चल रही खोदाई में बीते मंगलवार को 1800 साल पहले की पकी मिट्टी के मुद्रांक मिले हैं। इस पर नंदी की आकृति के साथ ब्राह्मी लिपि में कुछ लिखा है। इसका अध्ययन करने में बीएचयू के साथ ही मैसूर और ग्वालियर के लिपि विशेषज्ञ जुटे हैं। वहीं यहां शिवमंदिर परिसर में चल रहे पुरा स्थल पर खोदाई में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था के लिए पत्थर की नाली के भी प्रमाण मिले हैं।
प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बभनियांव में तीन जगहों पर खोदाई चल रही है। शिवमंदिर के पश्चिम की ओर 1800 वर्ष पूर्व की एक नंदी की बनी आकृति वाली मुद्रांक (सीलिंग)मिली है, जिसमें ब्राह्मी लिपि में लिखे कुछ अक्षर दिख रहे हैं।