Getting your Trinity Audio player ready...
|
जनपद के 2,357 क्षयरोगियों को लिया गोद, सुधारेंगे सेहत
विश्व क्षय रोग दिवस संपन्न
– कठपुतली नृत्य के माध्यम से भी लोगों को किया जागरूक
– जनपद की 21 स्वयंसेवी संस्थाओं को क्षय रोगियों की पत्रावली सौंपी
जौनपुर, 24 मार्च 2022 –
विश्व क्षय रोग दिवस पर जिला क्षय रोग चिकित्सालय परिसर से मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने वर्ष 2025 तक जनपद को क्षयरोग से मुक्त कराने की विभाग के साथ शपथ दिलाते हुए प्रतिज्ञा भी ली। इसके साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने क्षय मुक्त के लिए सभी को एक जन आंदोलन के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान शिल्पी कठपुतली कला केंद्र प्रतापगढ़ ने कठपुतली नृत्य के माध्यम से क्षयरोग के प्रति लोगों को जागरूक किया। सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल की उपस्थिति में जनपद की 21 स्वयंसेवी संस्थाओं को विभिन्न ब्लाकों के क्षय उपचाराधीनों की सूची सौंपी। क्षय रोग उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सलिल यादव ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 18 वर्ष तक के 309 बच्चे, 18 वर्ष के ऊपर के 1,188 पुरुष, 18 वर्ष से ऊपर की 726 महिला तथा मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) के 134 रोगी उपचाराधीन हैं। इस तरह देखा जाए तो कुल 2,357 क्षय रोगियों को विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने गोद लिया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के नेतृत्व में अभी तक के समस्त उपचाराधीन क्षय उपचाराधीनों (2,357) को गोद लेने की व्यवस्था की गई है। अभियान के दौरान खोजे जाने वाले नए क्षय रोगियों के भी गोद लेने की व्यवस्था की जाएगी। गोद लेने वाली संस्थाओं को उनकी पत्रावली हस्तांतरित की गई।
उनके बताया कि गोद लेने वाली संस्थाएं क्षय रोगियों को अपने स्रोतों से न्यूनतम छह माह अथवा उपचार की अवधि तक पौष्टिक आहार प्रदान करेंगी । यह पौष्टिक आहार प्रत्येक माह पोषण किट के माध्यम से क्षय रोगियों को दिया जाएगा। प्रत्येक किट में मूंगफली (एक किलो), भुना चना (एक किलो), गुड़ (एक किलो), सत्तू (एक किलो), तिल या गजक (एक किलो) तथा अन्य न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट एक किलो दिए जाएंगे। संस्थाएं सम्बंधित क्षय रोगियों को भावनात्मक सहयोग भी देंगी। उन्हें डाट्स के माध्यम से दी जा रहीं दवा बिना अंतराल किए पूरे उपचार तक खाने के लिए प्रेरित करेंगी।
डीपीसी सलिल यादव ने इस मौके पर क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया कि जनपद की सम्पूर्ण जनसंख्या के मध्य व्यापक क्षयरोगी खोज के लिए घर-घर अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से चलेगा जिसके तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर जिले के 158 हेल्थ वेलनेस सेंटर के माध्यम से क्षय रोगियों को खोजेंगी। खोजे गए क्षय रोगियों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियुक्त कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के सम्पूर्ण पर्यवेक्षण में उपचार, फालोअप, जांच, डीबीटी एवं अन्य पब्लिक हेल्थ एक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। अभियान में जनपद की कुल जनसंख्या के सापेक्ष कुल 6,723 सम्भावित मरीजों का बलगम परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम में जनपद के सभी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) सहित राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। संचालन डॉ सुशील कुमार अग्रहरी ने किया।
पंजीकरण की स्थिति और डीबीटी के आंकड़े : सलिल यादव ने बताया कि वर्ष 2020 में 6,239 क्षय रोगियों का पंजीकरण हुआ है, जिसमें से 4,267 सरकारी अस्पतालों से तथा 1,972 निजी अस्पतालों से हुआ है। वर्ष 2021 में 6,569 क्षय रोगियों का पंजीकरण हुआ जिसमें से 4,644 सरकारी अस्पतालों से तथा 1,925 निजी अस्पतालों के मरीज थे। 14 वर्ष तक के बच्चों का वर्ष 2019 में 346, वर्ष 2020 में 275 तथा वर्ष 2021 में 272 पंजीकरण हुआ। इस तरह से इन तीन वर्षों में 893 क्षय रोग ग्रसित बच्चों का पंजीकरण हुआ। निक्षय पोषण योजना के तहत वर्ष 2018 में 19.60 लाख रुपए, वर्ष 2019 में 88.77 लाख रुपए, वर्ष 2020 में 2.10 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2021 में 1.74 करोड़ रुपए उपचाराधीन मरीजों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत भेजे गए हैं। इस तरह से इन चार वर्षों में करीब 4.92 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं।
गोद लेने वाली संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति ने बदलापुर ब्लाक क्षेत्र में 45 क्षय उपचाराधीनों को गोद लिया है। समिति की अध्यक्ष अंजू सिंह ने कहा कि मुझे मानव सेवा की सीख अपने माता और पिता से मिली है। मैं अपने को बड़ा ही धन्य मानती हूं कि मुझे इन क्षय रोगियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। पूरा प्रयास रहेगा कि इन रोगियों की दवा और जांच नियमित रूप चलती रहे। इसके साथ ही टीबी मरीजों को हर महीने मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, सोयाबीन, समेत न्यूट्रिशिनल सप्लीमेन्ट मिलता रहे।
गोद लिए गए बरवा मछलीशहर की फरहत जहां अंसारी (27) का चार फरवरी से इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें आज इस बात की खुशी है कि जब सब लोग मेरा इतना ध्यान देंगे तब तो मैं और जल्दी ही स्वस्थ हो जाऊंगा। मेरी तरफ से क्षयरोग उन्मूलन के लिए प्रयास कर रही टीम को मेरा धन्यवाद।
सेनेटरी पैड बांटा: रेडक्रॉस सोसायटी ने शहरी क्षेत्र के 40 उपचाराधीनों को गोद लिया है। संस्था की ओर से कुंवर हरवंश सिंह पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट से कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहीं 50 छात्राओं को संस्था के सचिव डॉ मनोज कुमार वत्स ने सेनेटरी पैड, साबुन, टूथब्रश और टूथपेस्ट का वितरण किया।