बीएचयू में सीरो सर्वे: चौथी लहर की आहट के बीच 120 लोगों के सैंपल जांच में 17 फीसदी में मिली एंटीबॉडी

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बीएचयू के जूलॉजी विभाग के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे और उनकी टीम के सदस्य (फाइल)
बीएचयू के जूलॉजी विभाग के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे और उनकी टीम के सदस्य
कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच बीएचयू जूलॉजी विभाग की ओर से एक बार फिर से सीरो सर्वे किया जा रहा है। इसमें वाराणसी जिले के करीब 120 लोगों का सैंपल लिया गया है। जिसकी जांच के बाद जो परिणाम आया है उसके मुताबिक,  30 फीसदी लोगों में बनी एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है। वहीं 46 फीसदी ऐसे लोग भी हैं जिनमें एंटीबॉडी जल्द ही खत्म हो जाएगी। पूर्ण रूप से केवल 17 फीसदी लोगों में ही एंटीबॉडी बची है।

जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना की पहली लहर से लेकर से अबतक 5000 सैंपल का सर्वे हो चुका है। चौथी लहर की आहट के बीच वाराणसी में विभिन्न उम्र के 120 लोगों को सैंपल लिया गया। टेस्ट रिपोर्ट में पता चला कि इसमें से 30 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है। 46 फीसदी लोगों में खत्म होने की कगार पर और सात फीसदी में बहुत कम एंटीबॉडी बची है। पर्याप्त एंटीबॉडी सिर्फ 17 फीसदी लोगों में ही है।

चौथी लहर का ज्यादा खतरा नहीं

प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि टीकाकरण के तीन माह के बाद एंटीबॉडी खत्म होने लगती है। वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में एंटीबॉडी का लेवल छह माह तक बरकरार रहता है। उन्होंने बताया कि जब 70 फीसदी से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी खत्म हो जाएगी तब चौथी लहर की संभावना बढ़ जाएगी। फिलहाल लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहना चाहिए। घबराने जैसी कोई बात नहीं है।
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे की टीम में रुद्र पांडेय, प्रज्ज्वल प्रताप सिंह समेत 15 शोधकर्ता शामिल हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग (बीएचयू) के प्रो. गोपालनाथ ने कहा कि कोरोना का संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है, इससे बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। अगर सही से पालन किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी।

वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग सतर्क, अभी मात्र पांच केस
लखनऊ, गाजियाबाद सहित उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और मास्क की अनिवार्यता के बाद वाराणसी में स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। स्थानीय स्तर पर संक्रमण पर नियंत्रण के उद्देश्य से जांच का दायरा बढ़ाने के साथ ही कोविड अस्पतालों में जांच और इलाज की नए सिरे से तैयारियां कराने का निर्णय लिया गया है।

कोरोना की पहली, दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में मरीजों की संख्या कम रही। इसके पीछे अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण होना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना मुख्य वजह रही। इस बीच कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सक भी लोगों से सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं।

अभी जिले में कोराना के पांच केस हैं। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही जरूरत पड़ने पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अन्य जगहों पर कोरोना जांच कराई जाएगी। इसके लिए नए सिरे से टीम का गठन कर जिम्मेदारी दी जाएगी।

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